हमनें वास्तुनुसार किचन के बारे में आपको बताया था और आज हम आपको शयनकक्ष यानि बेडरूम के बारे में बताएंगे। आज हम बताएंगे घर के मुखिया, युवा दम्पत्ति और बच्चे के लिए बेडरूम के लिए वास्तु शास्त्र में अलग अलग दिशाएं निर्धारित हैं। जिसके अनुसार घर के मुखिया का बेडरूम दक्षिण में, युवा दम्पत्ति का कमरा वायव्य व उत्तर के बीच जबकि बच्चों का कमरा वायव्यकोण में बनाया जाए तो श्रेष्ठ रहता है।
ईशान व आग्नेय कोण में बेडरूम कभी भी नहीं बनाया जाना चाहिए। क्योंकि इससे धन हानि, काम में बाधा, कन्या के विवाह में देरी, दाम्पत्य कलह, व अनिद्रा की संभावनाएं और प्रबल हो जाती है। वहीं इस बात का सदैव ध्यान रखें कि शयनकक्ष में कभी भी मंदिर का पूजा स्थल नहीं बनाना चाहिए। कल भी हम आपको वास्तु के मुताबिक शयनकक्ष से जुड़ी कुछ खास जानकारियां देंगे।
दक्षिण दिशा की ओर सिर रखने के बेहतरीन फायदे
दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना बेहतर माना जाता है। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक तौर पर पैर उत्तर दिशा में रहेगा। शास्त्रों के साथ-साथ प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सेहत के लिहाज से इस तरह सोने का निर्देश दिया गया है। यह मान्यता भी वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है।