नई दिल्ली: क्रिसमस ईसाई धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन प्रभु का जन्म उत्सव मनाया जाता है। माना जाता है कि इनका जन्म मानव को सही रास्ता दिखाने के लिए हुआ था।
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इसी तरह जब प्रबु यीशु को सूली में चढाने के लिए प्रबु के विरोधी उन्हे एक जगह ले गए। जिसका नाम था गुलगुता और वहां पर प्रभु को सलीब पर टांग दिया गया। इस बारें में पिलातुस ने एक दोष पत्र में लिखा है कि यीशु नासरी यहूदियों के राजा ईसा के क्रूस पर लगा दिया गया है।
इस समय दोपहर के 12 बजे है। प्रभु यीशु अपनी मृत्यु के पूर्व तीन घंटों में क्रूस पर ही सात अमरवाणियां कहा। जिसे हमें मानना चाहिए। जानिए इन अमरवाणियों के बारें में।
पहली वाणी
हे पिता इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नही जानते कि यह क्या कर रहें हैं।
दूसरी वाणी
मैं तुझसे सच कह रहा हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।
तीसरी वाणी
हे नारी देख, तेरा पुत्र। देख, तेरी माता।
चौथी वाणी
"हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?"
पांचवी वाणी
"मैं प्यासा हूं"
छठी वाणी
"पूरा हुआ"
इस वाणी का मतलब है कि हे परेमाशिवर आपने जिस कारण मुझे इस धरती में भेजा वह काम पूर्ण हुआ। शैतान भी इसमें पराजित नही कर पाया। प्रबु यीशु ने अपने प्राणों का बलिदान देकर अपने उद्देश्य को प्राप्त किया। इसलिए हम भी अपने जीवन में एक उद्देश्य बनाए और उसे पाने का पूरा प्रयास करें।
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