इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा। इस ग्रहण का असर हर राशियों पर अच्छा और बुरा पड़ सकता है। आपको बता दें कि यह एक खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा सूर्य और प्रथ्वी के बीच आ जाता है। तब सूर्य ग्रहण होता है। ये सूर्य ग्रहण भारत सहित दक्षिण पूर्व यूरोप, प्रशांत महासागर, अफ्रीका, अमेरिका, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, चीन के कुछ हिस्सों में और हिंद महासागर में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण का समय
आपको बता दें कि यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। समय की बात करें तो यह सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण की अवधि 3 घंटे 25 मिनट रहेगी।
क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण
आपको बता दें कि यह एक खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा सूर्य और प्रथ्वी के बीच आ जाता है। तब सूर्य ग्रहण होता है। इसके अलावा जब चंद्रमा सूर्य की किरणों को पृथ्वी की सतह पर जाने से रोक देता है तब पूर्ण, आंशिक या फिर वलयाकार ग्रहण लगता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण की बात करें तो इसमें सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक रेखा में ही होते हैं और चंद्रमा सूर्य का मध्य भाग ढक लेता है। ऐसी स्थिति में सूर्य एक रिंग की तरह दिखाई देने लगता है। इसे 'रिंग ऑफ फायर' भी कहते हैं। रिंग जैसा तब दिखाई देता है जब चंद्रमा पृथ्वी से बहुत दूर होता है जिसकी कारण चांद छोटा दिखाई देने लगता है।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतककाल शुरु हो जाता है। इसके कारण सूतक काल 20 जून की रात 9 बजकर 15 मिनट से लग जाएगा जो 21 जून को सूर्य ग्रहण के बाद खत्म होगा।
सूतक काल में न करें ये काम
सूतक काल के समय कई ऐसे काम होते है जिन्हें करने की मनाही होती है। सूतक काल में प्रेग्नेंट महिलाएं अपने साथ कोई नकुली चीज न रखें। क्योंकि इसका सीधा असर बच्चे पर पड़ता है। इसके अलावा सूतक काल में खाना, पीना, सोना, पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। मंदिर के द्वारा ग्रहण खत्म होने के बाद ही खोले जाते है।