28 दिसंबर 2020 को रात 11 बजकर 45 मिनट पर सूर्यदेव पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 10 जनवरी की देर रात 1 बजकर 45 मिनट तक यहीं पर रहेंगे। आकाशमंडल में कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनमें सूर्यदेव कुछ-कुछ समय अंतराल के बाद क्रम से गोचर करते रहते हैं और सूर्यदेव जब भी किसी एक नक्षत्र से दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो बाकी नक्षत्र और नामाक्षर वाले लोगों पर इसका काफी प्रभाव पड़ता है।
सूर्यदेव के पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में गोचर से किस नक्षत्र और किस नाम वाले लोगों को सूर्यदेव के पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में इस गमन से क्या फल मिलेंगे और उसके लिये क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
‘भ’ , ‘ध’ ,‘फ’ , ‘ढ’ , ‘ज’ या ‘ख’ अक्षर वाले लोग
जिनका जन्म पूर्वाषाढ़ा , उत्तराषाढ़ा या श्रवण नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम ‘भ’ , ‘ध’ ,‘फ’ , ‘ढ’ , ‘ज’ या ‘ख’ अक्षर से शुरू होता हो, उन्हें 10 जनवरी तक अपने घर में बिजली के शॉर्ट सर्किट से बचने का ध्यान रखना चाहिए। घर में आग को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। कोई धूपबत्ती, दीया इत्यादि जलाने के बाद भी उसे देखते रहना चाहिए। अशुभ प्रभावों से बचने के लिये आपको गेहूं और गुड़ दान करना चाहिए।
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‘ग’ , स ,‘द’ , ‘थ’ , ‘झ’ या ‘ञ’ अक्षर वाले लोग
जिनका जन्म धनिष्ठा , शतविखा , पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम ‘ग’ , स ,‘द’ , ‘थ’ , ‘झ’ या ‘ञ’ अक्षर से शुरू होता हो, वो लोग इन दिनों अपने आपको बहुत बोर महसूस करेंगे। उनके साथ कुछ निगेटिव नहीं होगा, लेकिन उनके काम ज्यादा अच्छे से नहीं हो पायेंगे। इस दौरान अपने कामों को बनाने के लिये रात को 5 मूली या बादाम अपने सिरहाने पर रखकर सोना चाहिए और अगली सुबह उन्हें किसी धर्मस्थल या मन्दिर में दान देने से आपको निश्चित ही फायदा होगा।
‘द’ , ‘च’ , ‘ल’ , ‘अ’ ‘ई’ , ‘उ’ या ‘ए’ अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म रेवती ,अश्विनी, भरणी या कृतिका नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम ‘द’ , ‘च’ , ‘ल’ , ‘अ’ ‘ई’ , ‘उ’ या ‘ए’ से शुरू होता हो, उन्हें 10 जनवरी तक के बीच अपने सभी कामों में स्थिरता प्राप्त होगी। आपके सभी काम स्थिर होंगे। शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये इस दौरान मुफ्त में किसी से कोई चीज़ न लें और घर में पीतल के बर्तन रहने दें, उन्हें बेचें नहीं।
‘अ’ , ‘व’ , ‘क’ , ‘घ’ , ‘ङ’ या ‘छ’ अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म रोहिणी , मृगशिरा या आर्द्रा नक्षत्र में हुआ हो या जिन लोगों का नाम ‘अ’ , ‘व’ , ‘क’ , ‘घ’ , ‘ङ’ या ‘छ’ अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों पर इस दौरान माता महालक्ष्मी की कृपा होगी। आपको खूब धन-सम्पत्ति मिलेगी। इन नक्षत्र के जातकों को शुभ फल पाने के लिये अपना व्यवहार उत्तम रखना चाहिए। साथ ही इस दौरान कुछ मीठा खा कर पानी पीकर ही घर से बाहर जायें।
क’ , ‘ह’ , ‘ड’ या ‘म’ अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र , पुष्य नक्षत्र , आश्लेषा नक्षत्र या मघा नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम ‘क’ , ‘ह’ , ‘ड’ या ‘म’ अक्षर से शुरू होता हो, उन्हें 10 जनवरी तक लाभ हासिल होगा। लाभ सुनिश्चित करने के लिये रात को सोते समय अपने सिरहाने पानी रखकर सोएं और अगले दिन उस पानी को किसी पेड़ में डाल दें।
‘प’ , ‘ट’ , ‘ष’ या ‘ण’ अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र में हुआ हो या जिन लोगों का नाम महेश, मयंक, मनीषा, यानी ‘म’ अक्षर से शुरू होता हो। जिन लोगों का नाम ‘प’ , ‘ट’ , ‘ष’ या ‘ण’ अक्षर से शुरू होता हो, उनके परिवार के मुखिया को कुछ नुकसान होने की संभावना है। अशुभ फलों से बचने के लिये पक्षियों को दाना डालें।
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‘प’ , ‘र’, ‘त’ या ‘न’ अक्षर वाले लोग
जिनका जन्म चित्रा , स्वाती , विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम ‘प’ , ‘र’, ‘त’ या ‘न’ अक्षर से शुरू होता हो, उन्हें इस दौरान आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपने पैसे संभालकर रखने चाहिए। साथ ही अपना आचरण अच्छा बनाए रखें और दूसरों के गलत कामों में सहयोग देने से बचें।
‘न’ , ‘य’ , ‘भ’ , ‘ध’ , ‘फ’ या ‘ढ’ अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म ज्येष्ठा , मूल या पूर्वाषाढा नक्षत्र में हुआ हो या जिन लोगों का नाम ‘न’ , ‘य’ , ‘भ’ , ‘ध’ , ‘फ’ या ‘ढ’ अक्षर से शुरू होता हो, उन्हें रोग, पीड़ा या भय हो सकता है। इससे बचने के लिये 10 जनवरी तक किसी धर्मस्थल या मन्दिर में नारियल तेल या बादाम देते रहें।