धर्म डेस्क: आज सुबह 10 बजकर 32 मिनट पर शुक्राचार्य सिंह राशि में प्रवेश करेंगे और वे 9 अक्टूबर की रात 9 बजकर 25 मिनट तक रहेंगे। जहां पर सूर्यदेव पहले से ही मौजूद हैं। सूर्यदेव के अलावा शुक्र के शत्रु बुध और मंगल भी मौजूद हैं। मंगल के साथ शुक्र का संयोग सुंदर और सफल नहीं माना जाता। मंगल यहां पहले से मौजूद है और 13 अक्टूबर को ही इस राशि से निकल जायेंगे।
इस तरह इस सौरचक्र में शुक्राचार्य सिंह राशि में गोचर के दौरान पूरे समय मंगल से पीढ़ित रहेंगे, यानी हर राशि के व्यक्ति की जन्मपत्रिका के किसी न किसी खाने में आज सुबह से शुरू करके 9 अक्टूबर तक मंगल-शुक्र कुयोग बना रहेगा। इस कुयोग का क्या असर होगा और उससे मुक्ति के लिये क्या उपाय करने चाहिए। जानिए राशिनुसार क्या उपाय करना चाहिए।
मेष राशि
मंगल-शुक्र का यह कुयोग आपकी जन्मपत्रिका के पांचवें खाने में बनेगा। जिसका प्रभाव विद्या, संतान और विवेक पर होगा। आपको इसके बुरे प्रभावों से बचने के लिये रात को लोटे में पानी भरकर सिरहाने रखना चाहिए और सुबह उठकर इसे पेड़-पौधे में डाल देना चाहिए और शुक्रवार के दिन गाय को चारा खिलाना चाहिए।
वृष राशि
आपके लिये यह कुयोग चौथे खाने में बन रहा है। जिसका असर माता, भूमि, भवन, वाहन और सुख पर होगा। बुरे प्रभावों से बचने के लिये आज से शुरू करके 9 अक्टूबर तक रोज सुबह सोकर उठते ही पहले दांतों को पानी से धोएं और आडू की चार गुठलियों में सुरमा रखकर एकांत जगह में दबाना चाहिए। अगर आडू न मिले तो हर शुक्रवार को कुंए में केसर डालें।
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