धर्म डेस्क: आज माघ शुक्ल पक्ष की पचंमी तिथि और मंगलवार का दिन है | 19 फरवरी के दिन रात 11 बजकर 18 मिनट पर सूर्यदेव शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 04 मार्च को पूरा दिन पार करके अगली सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक सूर्यदेव यहीं पर रहेंगे | सूर्य के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से विभिन्न नामाक्षर और नक्षत्र वाले लोगों पर क्या प्रभाव होगा और उस स्थिति में आपको कौन-से उपाय करने चाहिए। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।
शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम 'ग', 'स', 'द' या 'थ' अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 04 मार्च तक आग और बिजली से संबंधित चीजों के साथ संभलकर काम करना चाहिए | आपको इस दौरान गैस, चूल्हा और बिजली के तार आदि का ध्यानपूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए | साथ ही अगर आप इस दौरान कोई नया घर बनाने की सोच रहे हैं, तो आपको 04 मार्च तक के लिए अपनी ये योजना टाल देनी चाहिए | इसके साथ ही अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए मंदिर में गुड़ या बाजरे का दान करें| इससे आपको अशुभ फलों से छुटकारा मिलेगा।
रेवती, अश्विनी, भरणी या कृतिका नक्षत्र में जन्मे लोग
जिनका जन्म रेवती, अश्विनी, भरणी या कृतिका नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर 'द', 'च', 'ल', 'अ', 'ई', 'उ' या 'ए' हो, 04 मार्च तक के लिए उन लोगों के जीवन की गति कुछ थमी हुई-सी रहेगी | आपके काम कुछ समय के लिए रूक सकते हैं | अत: अपने कामों से रूकावटों को दूर करने के लिए रात को अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन बादाम को किसी मंदिर में दान कर दें | इससे सारी रुकावटें दूर होंगी और आपके कामों की गति बनी रहेगी |
रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा या पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा या पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर 'अ', 'व', 'क', 'ह' या 'घ' हो, 04 मार्च तक उन लोगों के सभी काम में स्थिरता बनी रहेगी और साथ ही उनके जीवन में भी स्थिरता रहेगी | अत: सूर्यदेव की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिये और किसी भी तरह की अशुभ स्थिति से बचने के लिए सफेद या शर्बती रंग की टोपी या पगड़ी से हमेशा सिर ढक्कर रखें | इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
पुष्य, आश्लेषा या मघा नक्षत्र नक्षत्र जन्मे लोग
जिनका जन्म पुष्य, आश्लेषा या मघा नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम 'ह', 'ड' या 'म' अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 04 मार्च तक लक्ष्मी की प्राप्ति होगी | आपके ऊपर अगले चौदह दिनों के दौरान माँ लक्ष्मी की अपार कृपा बरसेगी | आपकी धन-दौलत में वृद्धि होगी | अतः अगले 14 दिनों तक अपने ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा को बनाये रखने के लिए घर में पीतल के बर्तनों को उपयोग में लाएं | इससे माँ लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी |
पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, हस्त या चित्रा नक्षत्र जन्मे लोग
जिनका जन्म पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, हस्त या चित्रा नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम 'म', 'ट', 'प' या 'र' अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 04 मार्च तक जीवन में लाभ के कई अवसर प्राप्त होंगे। आपको अपने काम में लाभ ही लाभ मिलेगा | आपके साथ सब कुछ अच्छा होगा | अत: लाभ की स्थिति को 04 मार्च तक बनाये रखने के लिए काली गाय की सेवा करें | साथ ही अपने बड़े भाई का भी सहयोग करें | इससे आपको अपने कामों में लाभ जरूर मिलेगा |
स्वाती, विशाखा या अनुराधा नक्षत्र जन्मे लोग
जिनका जन्म स्वाती, विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम 'र', 'त' या 'न' अक्षर से शुरू होता हो, उनके घर के मुखिया को 04 मार्च तक कुछ परेशानी हो सकती है | घर के मुखिया को अपनी सेहत के प्रति सावधान रहना चाहिए | साथ ही अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए चिड़ियों को बाजरा खिलाएं | इससे आपको हर तरह की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा या उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा या उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर 'न', 'य', 'भ', 'ध' या 'ज' हो, उन लोगों को 04 मार्च तक आर्थिक मामलों में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए | आपको अपने पैसों को बेवजह खर्च नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दौरान आपको किसी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है| अत: सूर्यदेव के अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए किसी छोटे बच्चे को भोजन कराएं | इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहेगी।
श्रवण या धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म श्रवण या धनिष्ठा नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर 'ख' या 'ग'' हो, उन लोगों को 04 मार्च तक अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहना चाहिए | आपको कोई रोग या भय हो सकता है | अत: अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग देते रहें | इससे आपको अशुभ फलों से छुटकारा मिलेगा और आपकी स्थिति बेहतर रहेगी।