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मार्च माह के अंत में सूर्य कर रहा है रेवती नक्षत्र में प्रवेश, इन नाम के लोग रहें संभलकर

31 मार्च रात 12 बजकर 54 मिनट पर सूर्यदेव रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 09 तक यहीं पर रहेंगे। जानें नाम अनुसार आपके जीवन पर क्या पड़ेगा प्रभाव।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : March 28, 2019 16:00 IST
 sun transit revati nakshtra
 sun transit revati nakshtra

धर्म डेस्क:  31 मार्च को चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि और रविवार का दिन है। साथ ही इस दिन शाम 06 बजकर 46 मिनट तक श्रवण नक्षत्र और शाम 07 बजकर 15 मिनट तक सिद्ध योग रहेगा। इसके अलावा 31 मार्च रात 12 बजकर 54 मिनट पर सूर्यदेव रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 09 तक यहीं पर रहेंगे। आपको बता दें कि कुल 27 नक्षत्र होते हैं और लगभग 15 दिनों के अंतराल पर सूर्यदेव एक नक्षत्र से दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करते हैं इस तरह से जब भी सूर्यदेव अपना नक्षत्र स्थान बदलते हैं, तो विभिन्न 27 नक्षत्र के जातकों पर और विभिन्न नामाक्षर वाले लोगों पर भी अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलते हैं। अतः फिलहाल 14 अप्रैल तक सूर्यदेव के रेवती नक्षत्र में इस गोचर का विभिन्न नक्षत्र और नामाक्षर वाले लोगों पर क्या प्रभाव होगा और उस स्थिति में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।

रेवती, अश्विनी या भरणी नक्षत्र में जन्मे लोग

अगर आपका जन्म रेवती, अश्विनी या भरणी नक्षत्र में हुआ है और आपका नाम द, च या ल अक्षर से शुरू होता है, तो 14 अप्रैल तक के लिये आपको इलेक्ट्रिक चीज़ों के साथ सावधानी पूर्वक काम लेना चाहिए। बिजली की तारों या अग्नि से संबंधित कोई उपकरण आपको बहुत ही संभलकर इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही अगर आप हाल-फिलहाल में घर के निर्माण के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको 14 अप्रैल तक के लिये ये प्लान टाल देना चाहिए। साथ ही सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये - आपको सुबह के समय अपने घर के खिड़की, दरवाजे खोलकर रखने चाहिए। इससे आपके घर में सूर्यदेव की कृपा बनी रहेगी और आपको किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। (29 मार्च को गुरु कर रहा है धनु राशि में प्रवेश, जानें क्या पड़ेगा आपका राशि पर प्रभाव)

कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा या आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे लोग
अगर आपका जन्म कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा या आर्द्रा नक्षत्र में हुआ है और आपका नाम अ, ई, उ, ए, व, क, घ या छ अक्षर से शुरू होता है, तो 14 अप्रैल तक के लिये आपके कार्यों की गति कुछ थम सकती है। आपके अन्दर आलस्य आ सकता है। किसी काम में आपका मन मुश्किल से ही लग पायेगा। आपको अपने आस-पास सब कुछ बोरिंग लग सकता है। अतः 14 अप्रैल तक ऐसी स्थिति से बचने के लिए रात को सोते समय 5 मूली अपने सिरहाने पर रखकर सोएं और अगले दिन उन्हें किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान करें। इससे आपका काम में मन लगेगा और आपके काम की गति तेज होगी। (आज बुध होगा कुंभ राशि में मार्गी, इन 5 राशियों के जातक रहें थोड़ा संभलकर)

पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा या मघा नक्षत्र में जन्मे लोग
अगर आपका जन्म पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा या मघा नक्षत्र में हुआ है और आपके नाम का पहला अक्षर क, ह, ड या म है, तो 14 अप्रैल तक आपके जीवन में स्थिरता बनी रहेगी। आपको किसी प्रकार के नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपकी स्थिति जैसी है, वैसी ही बनी रहेगी। अतः 14 अप्रैल तक अपने जीवन में स्थिरता बनाये रखने के लिये - आपको घर में पीतल के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए और धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग देना चाहिए। इससे आपके जीवन में स्थिरता बनी रहेगी।

पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र में जन्मे लोग
अगर आपका जन्म पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी या हस्त नक्षत्र में हुआ है और आपका नाम म, ट या प अक्षर से शुरू होता है, तो 14 अप्रैल तक आपकी चांदी ही चांदी होगी। आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। आपके धन में बढ़ोतरी होगी। अतः 14 अप्रैल तक अपने ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनाये रखने के लिये कोई भी काम शुरू करने से पहले थोड़ा पानी जरूर पीएं और संभव हो तो कुछ मीठा भी जरूर खाएं। इससे लक्ष्मी की कृपा से आपके धन के भंडार भरे रहेंगे।

चित्रा, स्वाति, विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में जन्मे लोग
अगर आपका जन्म चित्रा, स्वाति, विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में हुआ है और आपका नाम प, र, त या न अक्षर से शुरू होता है, तो 14 अप्रैल तक आपको लाभ ही लाभ मिलेगा। आपके बिजनेस में प्रॉफिट होगा। लोगों से आपको हर तरह का सहयोग मिलेगा। अतः 14 अप्रैल तक लाभ की ये स्थिति बनाये रखने के लिये मन्दिर में गुड़ का दान करें। इससे आपको लाभ ही लाभ मिलेगा।

 ज्येष्ठा, मूल या पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोग
अगर आपका जन्म ज्येष्ठा, मूल या पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में हुआ है और आपका नाम न, य, भ, ध या फ अक्षर से शुरू होता है, तो 14 अप्रैल तक घर के मुखिया को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। आपको इस दौरान आर्थिक या शारीरिक रूप से कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अतः 14 अप्रैल तक किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिये - किसी जरूरतमंद को भोजन खिलाएं। इससे आपके घर के मुखिया की परेशानी कम होगी।

उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में जन्मे लोग
अगर आपका जन्म उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में हुआ है और आपका नामभ, ज, ख, ग या स अक्षर से शुरू होता है, तो 14 अप्रैलतक आपको आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतने की जरूरत है। आपका बजट थोड़ा बिगड़ सकता है। आपको किसी काम के लिये कर्ज लेने की जरूरत पड़ सकती है। अतः 14 अप्रैल तक अपनी आर्थिक स्थिति को दुरुस्त रखने के लिए सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोग
अगर आपका जन्म पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है और आपका नाम स, द या थ अक्षर से शुरू होता है, तो 14 अप्रैल तक आपको अपने स्वास्थ्य का और अपने खान-पान काविशेष ख्याल रखना चाहिए। इस बीच आपका स्वास्थ्य थोड़ा गड़बड़ा सकता है। साथ ही आपकोकिसी चीज़ का भय सता सकता है। अतः 14 अप्रैल तक अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने केलिये और किसी भी तरह के भय से बचने के लिये मन्दिर के कार्यों में अपना सहयोग दें और समय-समय पर कुछ दान करते रहें। इससे आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

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