धर्म डेस्क: आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि और मंगलवार का दिन है। साथ ही आज धनिष्ठा नक्षत्र है। धनिष्ठा नक्षत्र आज दोपहर 03 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा आज सुबह 05 बजकर 36 मिनट पर सूर्यदेव ने पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश किया है। आपको बता दूं कि सूर्यदेव यहां पर 18 मार्च की दोपहर 02 बजकर 01 मिनट तक रहेंगे। अत: आज आचार्य इंदु प्रकाश बतायेंगे कि आज से लेकर 18 मार्च तक सूर्य के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने से विभिन्न नामाक्षर और नक्षत्र वाले लोगों पर क्या प्रभाव होगा और उस स्थिति में सूर्य के शुभ फल पाने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आपको कौन-से उपाय करने चाहिए। साथ ही आज के दिन धनिष्ठा नक्षत्र में किये जाने वाले खास उपायों के बारें में जानें।
पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद या रेवती नक्षत्र जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद या रेवती नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम स, द या च अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 18 मार्च तक आग और बिजली से संबंधित चीजों के साथ संभलकर काम करना चाहिए। आपको इस दौरान गैस और बिजली के तार आदि का ध्यानपूर्वक उपयोग करना चाहिए। साथ ही अगर आप इस दौरान कोई नया घर बनाने की सोच रहे हैं, तो आपको 18 मार्च तक के लिए अपनी ये योजना टाल देनी चाहिए। इसके साथ ही सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए 18 मार्च तक धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग देते रहें। इससे आपको अशुभ फलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। (5 मार्च राशिफल: घनिष्ठा नक्षत्र के साथ सूर्य कर रहा है नक्षत्रपरिवर्तन, जानें कैसा होगा आज आपका दिन)
अश्विनी, भरणी, कृतिका या रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोग
जिनका जन्म अश्विनी, भरणी, कृतिका या रोहिणी नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर च, ल, अ, ई, उ, ए या व हो, 18 मार्च तक के लिए उन लोगों के जीवन की गति कुछ थमी हुई-सी रहेगी। आपके कामों में कुछ समय के लिए रूकावट आ सकती है। साथ ही इस दौरान आप अपने कामों के लिये कुछ खास उत्साहित भी नहीं दिखायी देंगे। अत: 18 मार्च तक इस तरह की स्थिति से बचने के लिए चिड़ियों को बाजरा खिलाएं। इससे आपके कामों की गति बनी रहेगी। (7 मार्च को राहु और केतु एक साथ कर रहे है राशिपरिवर्तन, इन राशियों के जातक रहें संभलकर)
मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु या पुष्य नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु या पुष्य नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर व, क, घ, ह या ड हो, 18 मार्च तक उन लोगों के कामों में और जीवन में स्थिरता बनी रहेगी। साथ ही आपके करियर में किसी तरह का उतार-चढ़ाव नहीं होगा। जो जैसा है, वैसा ही रहेगा। अत: 18 मार्च तक सूर्यदेव की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए बंदर को कुछ खाने के लिये दें। इससे आपको शुभ फल प्राप्त
होंगे।
आश्लेषा, मघा या पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म आश्लेषा, मघा या पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम ड, म या ट अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 18 मार्च तक लक्ष्मी की प्राप्ति होती रहेगी। आपके ऊपर अगले चौदह दिनों के दौरान माँ लक्ष्मी की अपार कृपा बरसेगी और आपकी धन- संपत्ति में वृद्धि होगी। अतः अगले चौदह दिनों, यानी 18 मार्च तक अपने ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा को बनाये रखने के लिए काली गाय की सेवा करें। इससे आपकी धन-सम्पत्ति में निश्चित ही वृद्धि होगी।
उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा या स्वाती नक्षत्र में जन्मे लोग
जिनका जन्म उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा या स्वाती नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम ट, प, र या त अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 18 मार्च तक जीवन में कई तरह से लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आपको अपने सभी काम में फायदा ही फायदा मिलेगा। आपके साथ सब कुछ बेहतर होगा। अत: 18 मार्च तक अपनी बेहतरी के लिये और लाभ सुनिश्चित करने के लिए बड़े भाई के कामों में सहयोग दें। इससे आपको अपने कामों में अवश्य ही लाभ मिलेगा।
विशाखा, अनुराधा या ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोग
जिनका जन्म विशाखा, अनुराधा या ज्येष्ठा नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम य, त या न अक्षर से शुरू होता हो, उनके घर के मुखिया को 18 मार्च तक कुछ परेशानी हो सकती है। अतः घर के मुखिया को अपनी सेहत के प्रति थोड़ा सावधान रहना चाहिए। साथ ही सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए 18 मार्च तक सफेद या शर्बती रंग की टोपी या पगड़ी से अपना सिर ढककर रखें। इससे आपको अशुभ फलों से छुटकारा मिलेगा और शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
मूल, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढ़ा या श्रवण नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म मूल, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढ़ा या श्रवण नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर य, भ, ध, फ, ज या ख हो, उन लोगों को 18 मार्च तक आर्थिक मामलों में कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है। आपको अपने पैसों को बेवजह खर्च नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दौरान आपको आर्थिक रूप से किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अत: 18 मार्च तक सूर्यदेव के अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए रात को अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन बादाम को किसी मंदिर में दान कर दें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहेगी।
धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर ग या स हो, उन लोगों को 18 मार्च तक अपनी सेहत के प्रति सावधान रहना चाहिए। इस दौरान आपको कोई रोग या भय हो सकता है। अत: 18 मार्च तक सूर्यदेव के अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आपको मंदिर में गुड़ का दान करना चाहिए। इससे आप हर तरह की अशुभ स्थिति से बचे रहेंगे और आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।