16 अगस्त को सूर्य की सिंह संक्रांति है। इस दिन शाम 7 बजकर 12 मिनट पर सूर्यदेव सिंह राशि में प्रवेश करेंगे और 16 सितंबर शाम 7 बजकर 8 मिनट तक यानी लगभग 1 महीने यहीं रहेंगे। इसी समय सूर्यदेव मघा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और वहां 30 अगस्त दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक यानी लगभग 15 दिन तक रहेंगे। भारतीय ज्योतिष के अनुसार सूर्य पुरुष ग्रह है। इनकी दिशा पूर्व है। यह सिंह राशि के स्वामी है। सौरमंडल में सूर्य सबसे बड़े ग्रह है। बाकी सब ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। जन्मपत्रिका में पिता के संबंध में सूर्य के द्वारा ही विचार किया जाता है। सूर्य स्वभाव, आरोग्यता, राज्य और देवालय का सूचक है।
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सूर्य की संक्रांति के पुण्यकाल में पवित्र नदियों में स्नान और दान का महत्व है। इस दौरान गंगा नदी में स्नान करना महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि आप आज गंगा नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो अपने घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल डाल कर स्नान कर सकते है । सूर्य की सिंह संक्रांति का विशेष पुण्यकाल 16 अगस्त, रविवार को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से सूर्यास्त तक रहेगा। आप इस समय के बीच कभी भी स्नान-दान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
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सूर्य के इस राशि बदलाव से विभिन्न राशियों पर भी अलग-अलग प्रभाव होंगे, तो सूर्य इस स्थिति में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए और अशुभ फलों से बचने के लिए आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानिए इस बारे में आचार्य इंदु प्रकाश से।
मेष राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के पांचवे स्थान पर गोचर करेंगे और जीवन में पाचंवे स्थान का संबंध आपकी संतान से है, आपके रोमांस से है, आपकी विद्या से है, आपके गुरु से है और आपके विवेक से है। सूर्य के इस गोचर से आपको इन सब चीज़ों का सामान्य रूप से लाभ मिलता रहेगा। आपको अपनी संतान से शुभ समाचार मिल सकते हैं। आप रोमांस और विद्या के क्षेत्र में पास हो सकते हैं। आपको अपने गुरु का साथ मिलता रहेगा और आपका विवेक भी बना रहेगा। 16 सितम्बर तक सूर्य की इस बेहतर स्थिति का फायदा उठाने के लिये पक्षियों को दाना डालें, आपकी स्थिति बेहतर बनी रहेगी।
वृष राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। चौथे स्थान का संबंध माता, भूमि-भवन और वाहन से है। वृष राशि वालों सूर्य के इस गोचर से आपको अपने कार्यों में माता से पूरा सहयोग मिलेगा। आपको 16 सितम्बर तक भूमि-भवन और वाहन का लाभ मिल सकता है। सूर्य के इन शुभ प्रभावों को सुनिश्चित करने के लिये किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं।
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मिथुन राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। तीसरे स्थान का संबंध भाई-बहनों और अभिव्यक्ति से है। सूर्य के इस गोचर से भाई-बहनों का साथ मिलता रहेगा। 16 सितम्बर तक उनके द्वारा किये गए कामों से आपको लाभ मिल सकता है। तो सूर्य देव के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और किसी भी तरह के अशुभ फल से बचने के लिये आपको सूर्यदेव के मंत्र का जाप करना चाहिए- ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:।
कर्क राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे और जीवन में दूसरे स्थान का संबंध धन से है। सूर्यदेव के इस गोचर से 16 सितम्बर तक आपको धन संबंधी कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए । इस बीच पैसों को लेकर आपके हाथ कुछ बंधे नजर आयेंगे। आपको इस अशुभ स्थिति से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए मन्दिर में नारियल का दान करना चाहिए, धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी।
सिंह राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के पहले स्थान, यानी लग्न स्थान पर गोचर पहले स्थान का संबंध आपके यश-सम्मान , प्रेम-संबंधों और शरीर से है । सूर्य के इस गोचर के प्रभाव से आपको प्रेम-संबंधों को मजबूत करने और समाज में अपना मान-सम्मान बनाये रखने के लिये कोशिशें करनी होगी। इस दौरान संतान को न्यायालय से लाभ पाने में थोड़ी देर हो सकती है। तो सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए 16 सितम्बर तक रोज़ सुबह स्नान करके सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
कन्या राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। बारहवें स्थान का संबंध शैय्या सुख और आपके खर्चों से है। सूर्य के इस गोचर से आपको शैय्या का सुख मिलेगा। साथ ही 16 सितम्बर तक आप अपने पैसों का बेहतर इस्तेमाल कर पायेंगे। तो सूर्यदेव की इस शुभ स्थिति का लाभ उठाने के लिए अगले 30 दिनों के दौरान सुबह के समय अपने घर के खिड़की-दरवाज़ों को खोलकर रखें, इससे सूर्यदेव की कृपा आपके घर-परिवार पर बनी रहेगी।
तुला राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे और ग्यारहवें स्थान का संबंध आपकी इनकम से है, आपकी कामना पूर्ति से है। सूर्य के इस गोचर से आपकी इनकम में बढ़ोतरी के लिये मेहनत जारी रखनी पड़ेगी। अगले 30 दिनों के दौरान आपको अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये खुद से कोशिश करनी होगी। तो सूर्य की इस स्थिति में सुधार लाने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिए रात को सोते समय अपने सिरहाने पर बादाम रखकर सोएं और अगले दिन उन्हें किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें।
वृश्चिक राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के दसवें स्थान पर गोचर करेंगे और दसवें स्थान का संबंध आपके करियर से है और जीवन में आपके पिता की तरक्की से है। सूर्य के इस गोचर से करियर में आपको अपनी मेहनत का उचित फल जरूर मिलेगा। करियर में आपकी तरक्की होगी। साथ ही आपके पिता को भी सफलता मिलती रहेगी। सूर्यदेव की शुभ स्थिति को बनाये रखने के लिये और किसी भी तरह की अशुभ स्थिति से बचने के लिए 16 सितम्बर तक अपने सिर पर सफेद या शरबती रंग की टोपी लगाकर रखें, इससे आपकी और आपके पिता की तरक्की सुनिश्चित होगी।
धनु राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के नवें स्थान पर गोचर करेंगे और नवें स्थान का संबंध आपके भाग्य से है । 16 सितम्बर तक आपके सारे काम पूरे हो जायेंगे और आपको हर कार्य में लाभ मिलेगा। सूर्य की इस अच्छी स्थिति को सुनिश्चित करने के लिये ......घर में पीतल के बर्तनों को उपयोग में लाएं ।
मकर राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के आठवें स्थान पर गोचर करेंगे और आठवें स्थान का संबंध आपकी आयु से है। सूर्य के इस गोचर से आपके स्वास्थ्य में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। अतः इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल जरूर रखना चाहिए। साथ ही सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये अगले 30 दिनों के दौरान काली गाय या बड़े भाई की सेवा करें, इससे आपका स्वास्थ्य ठीक बना रहेगा।
कुंभ राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के सातवें स्थान पर गोचर करेंगे और सातवें स्थान का संबंध आपके जीवनसाथी से है। सूर्य के इस गोचर से आपको अपने जीवनसाथी से पूरा सहयोग और प्यार मिलता रहेगा। जीवनसाथी के साथ आपके संबंध अच्छे बने रहेंगे। अतः सूर्यदेव के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये 16 सितम्बर तक कोई भी कार्य शुरू करने से पहले संभव हो तो कुछ मीठा खाकर, पानी पीएं या केवल पानी पीएं, इससे जीवनसाथी का सहयोग बना रहेगा।
मीन राशि
सूर्यदेव आपकी जन्मपत्रिका के छठे स्थान पर गोचर करेंगे और छठे स्थान का संबंध आपके शत्रु-मित्र से है। सूर्य के इस गोचर से अगले 30 दिनों के दौरान कुछ नये और अच्छे लोगों से आपकी मुलाकात हो सकती है। हालांकि इस बीच आपका शत्रु भी आपके खिलाफ जाने की कोशिश कर सकता है, लेकिन वह सिर्फ कोशिशों तक ही सीमित रहेगा, आपका कुछ बिगाड़ नहीं पायेगा। तो सूर्यदेव की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिए बन्दर को गुड़ खिलाएं, इससे आपके शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे और मित्रों का सहयोग आपको मिलता रहेगा।