अश्विनी, भरणी या कृतिका नक्षत्र में जन्में लोग
जिनके नाम का पहला अक्षर ‘च’, ‘ल, ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’ या ‘ए’ हो, उन्हें 25 मई तक कोई रोग, पीड़ा या भय हो सकता है। अतः ऐसी स्थिति से बचने के लिये- सुबह के समय अपने घर का बरामदा, खिड़कियां और दरवाजें खुले रखें, ताकि सूर्य का उचित प्रकाश आपके घर के अन्दर आ सके। साथ ही 25 मई तक प्रतिदिन कुछ देर सूर्य की रोशनी में जरूर बैठें। इससे आपको रोग आदि से छुटकारा मिलेगा। तो ये सारी चर्चा थी सूर्य के कृतिका नक्षत्र में प्रवेश की, इस दौरान आप ये खास उपाय करके जीवन की हर परेशानी को दूर कर सकते हैं।
अग्निवास का शुभ समय
इस सारी कैल्कुलेशन के अनुसार 11 मई यानी आज से 25 मई तक के बीच अग्निवास का शुभ समय सबसे पहले 12 मई को पड़ेगा। इसके बाद 14 मई, 15 मई, 17 मई, 19 मई, 20 मई, 22 मई और 24 मई को अग्निवास होगा। अतः आप इतने दिनों से अपने घर में कोई बड़ा अनुष्ठान कराना चाह रहे थे या कोई बड़ा हवन, यज्ञ आदि कराना चाह रहे थे, तो 11 मई से 25 तक पड़ने वाली इन सभी तारीखों में आप ये सब करवा सकते हैं।
साथ ही अगर आप किसी विशेष इच्छा पूर्ति के उपाय के तौर पर घर में अखण्ड ज्योति आदि जलाना चाह रहे थे, तो उसके लिए भी ये तारीखें बहुत शुभ हैं और अगर आप ऐसा कुछ नहीं भी चाह रहे थे, लेकिन आपके मन में कोई खास इच्छा है, जो बहुत दिनों से पूरी नहीं हुई है, तो इस समय के दौरान अपने घर में ही अखण्ड ज्योति जलाकर आप अपनी वह इच्छा भी पूरी कर सकते हैं।
अगर पूरे कृतिका नक्षत्र के दौरान आप अखण्ड ज्योति न जला सकें, तो केवल उस दिन, जिस दिन अग्निवास हो, अखण्ड ज्योति जलाएं और उस अग्नि में सूर्यदेव का ध्यान करते हुए अपनी इच्छा कहें। इससे भी आपकी इच्छा पूरी होगी। साथ ही इस दौरान अग्नि से संबंधित ये सब कार्य करने से व्यक्ति का विवेक जागृत होता है, उसका मनोबल बढ़ता है और वह फौलादी बनता है।