धर्म डेस्क: हर किसी के सोने का तरीका अलग-अलग होता है। कोई बिल्कुल सीधी पॉजिशन में सोता है, तो कोई करवट लेकर सोता है। हर किसी की अपनी अलग-अलग आदत होती है, लेकिन सामुद्रिक
शास्त्र के अनुसार आपकी इस आदत के जरिये भी आपके बारे में बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है। जानिए सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार सोने के तरीके से कैसा है उसका चरित्र और व्यवहार।
एक पैर के ऊपर दूसरा पैर
अगर कोई व्यक्ति अपने एक पैर पर दूसरा पैर रखकर या अपने दोनों पैरों को एकदम जकड़कर सोता है, तो इससे पता चलता है कि उसका जीवन संघर्षपूर्ण रहेगा और अपने हर छोटे काम के लिये उसे दूसरों से अधिक परिश्रम करना पड़ेगा।
पैर सिकोड़ कर सोना
कुछ लोग सोते समय अपने शरीर को एकदम सिकोड़ लेते हैं या यूं कहें कि एक छोटी-सी जगह में सिमटकर सोना उन्हें बेहद पसंद होता है। लेकिन ऐसे बच्चे स्वभाव से डरपोक किस्म के होते हैं। इन्हें हर पल किसी न किसी चीज़ का भय बना रहता है। इसलिए ये सामाजिक परिवेश में रहना अधिक पसंद करते हैं, हालांकि सिर्फ अपने जानकारों के साथ ही रहना इन्हें पंसद है। किसी अनजान व्यक्ति से मिलने में ये कतराते हैं। साथ ही ऐसे बच्चे जल्दी से अपनी बातें दूसरों के साथ शेयर भी नहीं करते।
सीधे सोना
लोग रात को सोते समय एकदम सीधे रहते हैं या बहुत कम करवट लेते हैं और एक सीधाई में सोते रहते हैं, ऐसे लोग बहुत शुभ लक्षण वाले होते हैं। इनके अंदर आत्मविश्वास कूट-कूट कर भरा होता है। ये बिल्कुल निडर प्रवृत्ति के, यानी किसी भी स्थिति में न डरने वाले होते हैं। परिस्थितियां चाहें कैसी भी हों, उसका डंटकर हंसी के साथ सामना करते हैं। किसी भी समस्या का हल इनके पास हमेशा होता है। दूसरे लोग भी अपनी समस्या का हल ढूंढने के लिये इन्हीं के पास आते हैं।