इस्लामाबाद: पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक सिख युवक की पगड़ी का सार्वजनिक रूप से अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार पांच लोगों को पाकिस्तानी अदालत ने जमानत दे दी है। ये मामला उस वक्त हुआ जब सिख युवक महेंद्र पाल सिंह ने बस खराब होने की शिकायत की। उसके बाद आरोपियों ने उनकी पगड़ी का सार्वजनिक रूप से अपमान किया और बस के अन्य मुसाफिरों के साथ मारपीट की गई। छह हमलावरों ने सार्वजनिक रूप से उनकी पगड़ी का अपमान किया। इन पांचों पर ईश-निंदा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। वह पंजाब प्रांत में फैसलाबाद से मुल्तान जा रहे थे।
पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन की वेबसाइट के अनुसार जांच अधिकारी अब्दुल सत्तार ने मंगलवार को कहा कि बाकिर अली, राशिद गुज्जर, फैज आलम, शकील और सोदागर को अदालत ने जमानत दे दी है। इन लोगों को 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। सिंह के अनुसार अरोपियों पर जमानती धाराओं और धार्मिक स्थल को अपवित्र करने से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सिंह ने कहा, "मैं एक धार्मिक स्थल नहीं हूं, बल्कि सिख धर्म को मानने वाला पाकिस्तान का एक नागरिक हूं। हमलावरों ने मेरे धार्मिक चिन्हों में एक का अपमान किया है। केस बनाते समय पुलिस को गैरजमानती धारा 295/A भी जोड़ना चाहिए था जिसमें अधिकतम दस वर्षो की सजा का प्रावधान है।"
गौरतलब हैं किसी भी धर्म को आपमान करने पर सजा का प्रावधान है, और लोगों का कानून के प्रति ये विश्वास रहता है कि कानून सही तरीके से न्याय करेगी। ऐसे में अगर किसी के साथ अन्याय होता है, तो होता तो यह कानून के अपमान के लोगों के विश्वास का भी अपमान है।