शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन व्यक्ति जो भी शुभ काम करता है उसका पुण्य कभी खत्म नहीं होता। उसी तरह इस दिन जो व्यक्ति देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर लेता है उसके घर में हमेशा देवी लक्ष्मी का वास बना रहता है।
इस त्योहार को मनाने का दूसरा कारण है गंगा का धरती पर अवतरण. ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगीरथ गंगा को धरती पर लेकर आए थे और धरती को पवित्र किया था. इसीलिए लोग इस दिन गंगा स्नान के लिए भी जाते हैं.
खासतौर में इस दिन जौ, गेहूं, चने, सत्तू, दही-चावल, गन्ने का रस, दूध के बनी चीजें जैसे मावा, मिठाई आदि, सोना और जल से भरा कलश, अनाज आदि दान करना शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन ब्राह्मण और गरीबों को दान देना फलदायी होती है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन विवाह का सबसे अबूझ मुहूर्त होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार माना जाता है कि इस दिन सूर्य और चंद्र अपनी उच्च राशि में होते है। जोकि शादी और व्यापार के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही माना जाता है कि विवाह के लिए जिन लोगों के ग्रह-नक्षत्रों का मिलान नहीं होता या मुहूर्त नहीं निकल पाता, उनको इस शुभ तिथि पर दोष नहीं लगता व निर्विघ्न विवाह कर सकते हैं।