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शुक्र प्रदोष व्रत आज: इस शुभ मुहूर्त में करें सटीक पूजा, मिलेगी हर पाप से मुक्ति

आज शुक्रवार का दिन है। अतः आज शुक्र प्रदोष व्रत है। आज के दिन भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: February 07, 2020 12:44 IST
pradosh vrat- India TV Hindi
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आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और शुक्रवार का दिन है। त्रयोदशी  तिथि आज शाम 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगी।  जिसके साथ ही प्रदोष व्रत भी है। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है। आज शुक्रवार का दिन है। अतः आज शुक्र प्रदोष व्रत है। आज के दिन भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। जानें शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

इस प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक है। इस काल में भगवान शिव की पूजा अर्चना करना शुभ होगा। 

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प्रदोष व्रत की पूजा विधि
ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर हर कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। इसके साथ ही साफ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प करें। इस दिन कोई आहार न लें। शाम को सूर्यास्त होने के एक घंटे पहले स्नान करके सफेद कपड़े पहन लें। इसके बाद ईशान कोण में किसी एकांत जगह पूजा करने की जगह बनाएं। इसके लिए सबसे पहले गंगाजल से उस जगह को शुद्ध करें फिर इसे गाय के गोबर से लीपें। इसके बाद पद्म पुष्प की आकृति को पांच रंगों से मिलाकर चौक तैयार करें। आप कुश के आसन में उत्तर-पूर्व की दिशा में बैठकर भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव का जलाभिषेक करें साथ में ऊं नम: शिवाय: का जाप भी करते रहें। इसके बाद विधि-विधान के साथ शिव की पूजा करें फिर इस कथा को सुन कर आरती करें और प्रसाद बाटें।

अब केले के पत्तों और रेशमी वस्त्रों की सहायता से एक मंडप तैयार करें। आप चाहें तो आटे, हल्दी और रंगों की सहायता से पूजाघर में एक अल्पना (रंगोली) बना लें। इसके बाद साधक (व्रती) को कुश के आसन पर बैठ कर उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। व्रती को पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' और शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।

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