Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. Shukra Pradosh Vrat: अश्विन माह का शुक्र प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Shukra Pradosh Vrat: अश्विन माह का शुक्र प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

शुक्र प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन आप भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा करके उनकी कृपा पा सकते हैं। जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: October 10, 2019 13:23 IST
Pradosh Vrat- India TV Hindi
Pradosh Vrat

Shukra Pradosh Vrat: आश्विन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और शुक्रवार का दिन है। इसके साथ ही शुक्र प्रदोष व्रत है। शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान के साथ भगवान शिव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। कहते हैं आज के दिन जो व्यक्ति भगवान शंकर की पूजा करता है और प्रदोष व्रत करता है, वह सभी पापकर्मों से मुक्त होकर पुण्य को प्राप्त करता है और उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

शुक्र प्रदोष व्रत की तिथि 11 अक्टूबर है। हिंदू पंचांग के अनुसार व्रत-पूजा के लिए सबसे शुभ योग 5 बजकर 52 मिनट से लेकर 8 बजकर 23 मिनट तक है। भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त पूरे 2 घंटे 31 मिनट का है।

Vastu Tips: घर पर पूर्व दिशा की ओर लगवाएं खिड़की, घर में रहेगी सकारात्मक ऊर्जा

प्रदोष व्रत की पूजा विधि
ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर दैनिक कामों से निवृत्त होकर भगवान शिव का स्मरण करें। इसके साथ ही इस व्रत का संकल्प करें। इस दिन कोई आहार न लें। शाम को सूर्यास्त होने के एक घंटे पहले स्नान करके सफेद कपड़े पहन लें।

इसके बाद ईशान कोण में किसी एकांत जगह पूजा करने की जगह बनाएं। इसके लिए सबसे पहले गंगाजल से उस जगह को शुद्ध करें फिर इसे गाय के गोबर से लीपें। इसके बाद पद्म पुष्प की आकृति को पांच रंगों से मिलाकर चौक तैयार करें।

इसके बाद आप कुश के आसन में उत्तर-पूर्व की दिशा में बैठकर भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव का जलाभिषेक करें साथ में ऊं नम: शिवाय: का जाप भी करते रहें। इसके बाद विधि-विधान के साथ शिव की पूजा करें फिर इस कथा को सुन कर आरती करें और प्रसाद बाटें।

Vastu Tips: बेसमेंट में पूर्व दिशा की ओर लगाएं खिड़कियां, होगा शुभ

प्रदोष व्रत में इस मंत्र का करें जाप
अब केले के पत्तों और रेशमी वस्त्रों की सहायता से एक मंडप तैयार करें। आप चाहें तो आटे, हल्दी और रंगों की सहायता से पूजाघर में एक अल्पना (रंगोली) बना लें। इसके बाद साधक (व्रती) को कुश के आसन पर बैठ कर उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। व्रती को पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' और शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement