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वैवाहिक जीवन में सुख और प्रसन्नता के लिए सूर्यदेव की पूजा करके जरूर करें ये खास उपाय

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज शुभ योग और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दौरान सूर्यदेव की पूजा करके और उनके कौन-से खास उपाय करके आप शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं और जीवन में कामयाबी हासिल कर सकते हैं। जानिए कुछ उपायों के बारे में।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 12, 2020 8:07 IST
वैवाहिक जीवन में सुख के लिए जरूर करें ये खास उपाय- India TV Hindi
Image Source : INSTRAGRAM/SAYHARIOME वैवाहिक जीवन में सुख के लिए जरूर करें ये खास उपाय

आज ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि और मंगलवार का दिन है| आज शुभ योग है। इस योग में किसी भी प्रकार का महान या जनहित का कार्य करना शुभफलदायी माना जाता है। इस योग में कोई कार्य करने से मनुष्य महान बनता है तथा उसे प्रसिद्धि भी मिलती है। साथ ही आज उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। नक्षत्रों की श्रेणी में उत्तराषाढ़ा 21वां नक्षत्र है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र शुभ नक्षत्रों की श्रेणी में आता है। इस नक्षत्र के देवता विश्वेदेव हैं।  आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार विश्वेदेव में दस देवताओं के नाम शामिल हैं- इन्द्र, अग्नि, सोम, त्वष्ट्रा, रुद्र, पूखन्, विष्णु, अश्विनी, मित्रावरूण और अंगीरस  उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह हाथी के दांत को माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्में जातक अपने लक्ष्य की प्राप्ति और अपने प्रयासों को सफल बनाने में सक्षम होते हैं,साथ ही ये परंपराओं का सम्मान करने वाले होते हैं। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी स्वयं सूर्यदेव हैं और सूर्य देवता सकारात्मकता के प्रतीक हैं, जो अपनी ऊर्जा से पूरे ब्रह्मांड को प्रकाशित करते हैं और सबके अन्दर तेज कायम करते हैं। सूर्य देव सभी नौ ग्रहों के केन्द्र बिन्दु हैं और अपना प्रकाश उन तक पहुंचाते हैं। पृथ्वी पर प्रकाश और ऊर्जा के स्रोत के रूप में सूर्यदेव की ही उपासना की जाती है। जहां-जहां इनकी रोशनी पहुंचती है, वहां का माहौल अपने आप ही ऊर्जामय हो जाता है और यह रोशनी न केवल किसी भवन, मन्दिर या कार्यालय तक पहुंचती है, बल्कि व्यक्ति के मन तक पहुंचती है और एक तरह से उसकी सोई हुई इन्द्रियों को जगाने का काम करती है।

लिहाजा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में सूर्यदेव की उपासना करना बड़ा ही फलदायी रहता है। पेड़-पौधों में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संबंध कटहल के पेड़ सेबताया गया है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्में लोगों को कटहल या उससे बनी किसी भी चीज़ को उपयोग में नहीं लाना चाहिये और ना ही कटहल के पेड़ को किसी भी प्रकार की हानि पहुंचानी चाहिए, यानि उसके टहनियों या पत्तों को नहीं तोडना चाहिए। आज के दिन ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी और आपके जीवन की गति और तेज दोनों ही बने रहेंगे।उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दौरान सफेद, पीले और लाल रंग के कपड़े पहनना भी बहुत शुभ माना जाता है 

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज शुभ योग और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दौरान सूर्यदेव की पूजा करके और उनके कौन-से खास उपाय करके आप शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं और जीवन में कामयाबी हासिल कर सकते हैं। जानिए कुछ उपायों के बारे में। 

अगर आप अपने जीवन में बड़ी उपलब्धियां पाना चाहते हैं और अपने समस्त कार्यों में सफलता सुनिश्चित करना चाहते है, तो आज के दिन आपको विश्वेदेव का इस प्रकार ध्यान करना चाहिए-   

'ऊँ इन्द्राय नमः ....... ऊँ अग्नये नमः ....... ऊँ सोमाय नमः ....... ऊँ त्वष्ट्राय नमः ....... ऊँ रुद्राय नमः ....... 
ऊँ पूखनाय नमः ....... ऊँ विष्णुवे नमः ....... ऊँ अश्विनीये नमः ....... ऊँ मित्रावरूणाय नमः ....... ऊँ अंगीरसाय नमः'

आज के दिन इस प्रकार विश्वेदेवों का ध्यान करने से आपको जीवन मेंबड़ी उपलब्धियों के साथ ही आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। 

अगर आप अपने वैवाहिक जीवन को सुख और प्रसन्नता से भरा देखना चाहते हैं, तो आज के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दौरान कटहल के पेड़ या उसके फल का दर्शन करें और अगर ये  संभव न हो तो मन में हरे-भरे कटहल के पेड़ की कल्पना करके उसे प्रणाम करें। आज के दिन ऐसा करने से आपका वैवाहिक जीवन सुख और प्रसन्नता से भरा रहेगा। 

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अगर आप कोविड19 की खबरें सुन सुन कर पक गए हैं , जिससे आप मानसिक रूप से अशांति महसूस कर रहे हैं, तो आज के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दौरान आपको सूर्य के इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए । मंत्र इस प्रकार है-  'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रों स: सूर्याय नम:'

आज के दिन ऐसा करने से आपको खबरों से घबराहट नहीं होगी और आपको मानसिक अशांति से भी छुटकारा मिलेगा। 

अगर आप राजनीति में या किसी अन्य क्षेत्र में अपना रूतबा जमाये रखना चाहते हैं, तो आज के दिन आपको उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दौरान सूर्य यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। आप चाहें तो धातु पर बना यंत्र स्थापित कर सकते हैं या फिर आज के दिन आप खुद भी इस यंत्र को बनाकर स्थापित कर सकते हैं। इसके लिये भोजपत्र पर अष्टगंध से अनार की कलम द्वारा या फिर सफेद कोरे कागज पर लाल पेन से एक वर्गाकार आकृति बनाइये और उसमें तीन कॉलम बनाइये। अब हर एक कॉलम में तीन खाने बनाइये। फिर पहले कॉलम में बायीं से दायीं तरफ क्रमशः 6, 1 और 8 लिखिए। फिर दूसरे कॉलम में बायीं से दायीं तरफ क्रमशः 7, 5 और 3 लिखिए। फिर तीसरे कॉलम में बायीं से दायीं तरफ क्रमशः 2, 9 और 4 लिखिए। इस प्रकार आपका यंत्र बन जायेगा। अब उस यंत्र की विधि पूर्वक पूजा कीजिये और उस पर कम से कम 1008 बार सूर्य देव के इस मंत्र का जप करें। मंत्र इस प्रकार है-   
'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रों स: सूर्याय नम:'

आपको बता दूं मंत्र का जप किया जाना बहुत जरूरी है। मंत्र जप से ही यंत्र प्रभावशाली बनता है। लिहाजा इस प्रकार मंत्रों से सिद्ध किया हुआ यंत्र स्थापित करने से आप राजनीति या अन्य क्षेत्र में अपना रुतबा जमाये रखने में सफल होंगे। 
 
अगर आप अपने और अपने परिवार वालों के जीवन में खुशियां ही खुशियां लाना चाहते है, तो आज के दिन आपको स्नान आदि के बाद घर में किसी उचित स्थान पर आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके, गुलाबी रंग के कपड़े पहन कर बैठ जायें और सूर्यदेव के इस मंत्र का 108 बार जप करें| मंत्र इस प्रकार है- 'ऊँ घृणिः सूर्याय नमः' 
आज के दिन ऐसा करने से आपके और आपके परिवार में खुशियां ही खुशियां आयेंगी।

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अगर आपको छोटी-छोटी बातों पर बहुत ज्यादा ही गुस्सा आ जाता है, तो अपने गुस्से पर काबू पाने के लिए आज के दिन आपको भगवान को गुड़ से बनी किसी चीज का भोग लगाना चाहिए। अगर गुड़ से बनी चीज का प्रसाद ना चढ़ा पायें, तो केवल गुड़ का ही भोग लगाएं। आज के दिन ऐसा करने से आप अपने गुस्से पर काबू पाने में सफल होंगे। 

अगर आप विद्या के क्षेत्र में अपना परचम लहराना चाहते हैं, तो आज के दिन उत्तराषाढ़ा के दौरान सूर्यदेव को लाल पुष्प अर्पित करें। अगर आज के दिन लाल पुष्प ना मिल पाये तो आपको अपने मन में ही ये भाव रखे की आप सूर्यदेव को लाल पुष्प अर्पित कर रहें है। साथ ही सूर्य के इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ऊँ ऐं घृणिः सूर्य आदित्याय ह्रीं'
आज के दिन ऐसा करने से विद्या के क्षेत्र में आपका परचम लहरेगा। 

अगर आप किसी भी तरह की आंख संबंधी परेशानी से बचे रहना चाहते हैं, तो आज के दिन स्नान आदि के बाद आपको सूर्यदेव को प्रणाम करके आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना चाहिए। आज के दिन ऐसा करने से आप आंख संबंधी परेशानियों से बचे रहेंगे और अगर आपको पहले से किसी प्रकार की आंख संबंधी परेशानी है, तो उससे भी आपको जल्द ही राहत मिलेगी।
 
अगर आप बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही लंबी आयु भी पाना चाहते हैं या किसी पुरानी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से छुटकारा पाना चाहते है, तो आज के दिन आपको सूर्यदेव के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। सूर्यदेव का मंत्र इस प्रकार है -  'ऊँ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्याय श्रीं' । आज के दिन इस मंत्र का जप करने से आपको बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही लंबी आयु भी प्राप्त होगी। साथ ही पुरानी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से छुटकारा भी मिलेगा। 

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