Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. बिहार के बोधगया ही नहीं इन 4 जगहों पर भी पिंडदान करना है फलदायी, कारणवश न जा पाएं तो करें ये काम

बिहार के बोधगया ही नहीं इन 4 जगहों पर भी पिंडदान करना है फलदायी, कारणवश न जा पाएं तो करें ये काम

श्राद्ध पक्ष में अपने सामर्थ्य अनुसार अपने पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करते है | लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे प्रमुख तीर्थ स्थलों का भी उल्लेख मिलता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : September 23, 2019 9:55 IST
,shardh paksha
,shardh paksha

श्राद्ध पक्ष में अपने सामर्थ्य अनुसार अपने पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करते है | लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे प्रमुख तीर्थ स्थलों का भी उल्लेख मिलता है, जहां श्राद्धकर्म या

पिंडदान करने से व्यक्ति को विशेष सिद्धियों की प्राप्त होती है और उसके सारे मनोरथ पूरे होते हैं। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से इन जगहों के बारे में।

बोधगया (बिहार)
श्राद्ध कर्म में पिंडदान से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके लिए पिंड़दान खास जगहों पर करना चाहिए। इस कड़ी में हम सबसे पहले बात करेंगे बोधगया की - बिहार राज्य की फल्गु नदी के किनारे मगध क्षेत्र में स्थित ये सबसे प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां अपने पुरखों का पिंडदान करने देश- विदेश से लोग आते हैं । विष्णुपुराण और वायुपुराण में इसे मोक्ष की भूमि कहा गया है । इसे विष्णु नगरी के रूप में भी जाना जाता है । कहते हैं यहां स्वयं विष्णु पितृ देवता के रूप में मौजूद हैं और स्वयं ब्रह्मा जी ने भी अपने पूर्वज़ों का पिंडदान यहीं पर किया था।

त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने भी अपने पिता और राजा दशरथ का पिंडदान यहीं पर किया था। कहते हैं यहां किया गया पिंडदान 108 कुल और सात पीढ़ियों तक का उद्धार करने वाला है। गया में इस समय 48 वेदियां हैं, जहां पर पितरों का पिंडदान किया जाता है। यहीं पर एक जगह है- अक्षयवट, जहां पितरों के निमित दान करने की परंपरा है। कहते हैं यहां किया गया दान अक्षय होता है। जितना आप दान करोगे, उतना ही आपको वापस भी जरूर मिलेगा।

Vastu Tips: घर के दक्षिण दिशा में लगाएं फिनिक्स की तस्वीर या मूर्ति, हर काम में मिलेगी सफलता

काशी
पितरों को प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाने के लिये काशी में श्राद्ध व पिंडदान किया जाता है। सात्विक, राजस, तामस- ये तीन तरह की प्रेत आत्माएं मानी जाती हैं और इन प्रेत योनियों से मुक्ति के लिये देश भर में सिर्फ काशी के पिशाच मोचन कुण्ड पर ही मिट्टी के तीन कलश की स्थापना की जाती है और कलश पर भगवान शंकर, ब्रह्मा और विष्णु के प्रतीक के रूप में काले, लाल और सफेद रंग के झंडे लगाए जाते हैं।  इसके बाद श्राद्ध कार्य किया जाता है। यहां श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसीलिए धर्म और अध्यात्म की नगरी कहे जाने वाली काशी को मोक्ष की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। काशी में श्राद्ध करने वाले के घर में हमेशा खुशियों का आगमन बना रहता है।

हरिद्वार
हरिद्वार में नारायणी शिला के पास पूर्वज़ों का पिंडदान किया जाता है । माना जाता है कि यहां पर पिंडदान करने से पितरों का आशीर्वाद हमेशा पिंडदान करने वाले पर बना रहता है, उसके जीवन में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और भाग्य हमेशा उसका साथ देता है।

Pitru Paksha 2019: जानिए क्या है पितृदोष, इन संकेतों से जानें आपकी कुंडली में है ये बड़ा दोष

कुरुक्षेत्र
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पिहोवा तीर्थ पर अकाल मृत्यु वालों का श्राद्ध करना सबसे उत्तम माना जाता है और खासकर के अमावस्या के दिन। जिनकी मृत्यु समय से पहले ही- किसी एक्सीडेंट में या किसी शस्त्राघात से हो गई हो, उनका श्राद्ध यहां किया जाता है । महाभारत के अनुसार धर्मराज युधिष्ठर ने युद्ध में मारे गए अपने परिजनों का श्राद्ध और पिंडदान पिहोवा तीर्थ पर ही किया था । वामन पुराण में इस जगह के बारे में उल्लेख मिलता है कि पुरातन काल में राजा पृथु ने अपने वंशज राजा वेन का श्राद्ध यहीं पर किया था । कहते हैं यहां श्राद्ध कार्य या पिंडदान करने वाले व्यक्ति को श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है, जो कि बुढ़ापे में उसका मजबूत सहारा बनती है ।

ऐसे भी पा सकते है श्राद्ध का लाभ
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार जहां श्राद्ध कार्य या पिंडदान करके आप विशेष फल पा सकते हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि सब लोग वहां पर जाकर ही श्राद्ध आदि कार्य करें । हर किसी के लिये वहां पर जाकर श्राद्ध करना आसान नहीं है । इसलिए अगर आप इन जगहों पर नजा सकें, तो भी आप इन जगहों पर श्राद्ध का लाभ उठा सकते हैं और वो कैसे होगा, ये हम आपको बता देते हैं।

इन जगहों की फोटो डाउनलोड करें और उसका चित्र अपने सामने रखकर, पूरे श्रद्धा भाव से, जैसे कि आप उसी जगह पर उपस्थित हों, पितरों के निमित पिंडदान या श्राद्ध कार्य करें । इस तरह करने से भी आपको उन जगहों पर मिलने वाले विशेष फलों की प्राप्ति होगी।

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement