धर्म डेस्क: इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहे है। जिसमें तर्पण और पिंडदान कर अपने पिचरों को तृप्त करते है। जिससे कि उनके आर्शीवाद से हमारे घर में सुख-शांति और समद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध में कुछ नियम का पालन करना पड़ता है, नहीं तो इसका फल आपको गलत मिलता है।
इस नियम के अनुसार आपको बहुत सारे नियम जो कि अपनी दिनचर्या में शामिल करना होता है। जैसे कि इन दिनों में मांस-मंदिरा, गाजर, दही मिला हुआ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपको पूर्वज नाराज होते है। जिसका फल आपको उल्टा मिलता है। इसी तरह कई लोग ऐसे भी होते है जो इन दिनों में लहसुन-प्याज का भी सेवन नहीं करते है। जानिए आखिर क्यों श्राद्ध पक्ष में लहसुन-प्याज का सेवन नहीं किया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि लहसुन और प्याज को तामसिक है। अगर ऐसी चीजों का सेवन किया जाएं तो ये हमारे वितारों की पवित्रता खत्म कर सकता है। इतना ही नहीं इससे आपका गुस्सा, बढ़ सकता है, मन की एकाग्रता खत्म हो सकती है। श्राद्ध का समय पूजन और ध्यान के लिए श्रेष्ठ बताया गया है, इन कर्मों के लिए मन की एकाग्रता और पवित्रता बहुत जरूरी है। इसीलिए श्राद्ध के समय खाने की ऐसी चीजें वर्जित की गई हैं जो मन की एकाग्रता भंग कर सकती हैं।
ये हैं धार्मिक मान्यता
इसका धार्मिक कारण भी है इसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति श्राद्ध में वर्जित की गई चीजों का सेवन करता है तो उससे पितर देवता नाराज हो सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितर देवता के नाराज होने पर घर में सुख-समृद्धि टिक नहीं पाती है। परिवार के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पितर देवता की कृपा के बिना अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त नहीं की जा सकती है।
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