धर्म डेस्क: पितरो को समर्पित पितृ पक्ष अश्विन मास कृष्ण पक्ष की पूर्णमासी में भाद्रपद का क्षय होने के साथ शुरु होते है। इस बार 16 सितंबर, शुक्रवार से शुरु हो रहे है। जो कि 30 सितंबर को सर्वपितृ के साथ समाप्त होंगे।
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श्राद्ध पक्ष की एक दिन कम होने के कारण इस बार शारदीय नवरात्र पूरे 10 दिन के पड़ रहे है। यह पिछले 427 साल बाद पहली बार हो रहा है।
ज्योतिषचार्य के अनुसार इस बार 16 सितंबर से श्राद्ध शुरु होंग। पहले दिन पूर्णिमा श्राद्ध होगा। इसके बाद सप्तमी तिथि क्षय होगी लेकिन श्राद्ध तृतीया और चतुर्थी तिथि का दिन 19 सितंबर निकला है। तृतीया श्राद्ध दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। इसके बाद चतुर्थी शुरु हो जाएगी। जो कि अगले दिन 11 बजकर 58 मिनट कर रहेगी। 1 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरु है।
दोपहर बाद निकाले श्राद्ध
शास्त्रों के अनुसार हमेशा दोपहर के बाद ही श्राद्ध निकाले जाते हैष इस बार श्राद्ध 1 बजकर 33 मिनट से 3 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
16 सितंबर- पूर्णिमा श्राद्ध
17 सितंबर- प्रतिपदा श्राद्ध
18 सितंबर- द्वितीया श्राद्ध
19 सितंबर- तृतीया श्राद्ध, चतुर्थी श्राद्ध
20 सितंबर- पंचमी श्राद्ध
21 सितंबर- छठ श्राद्ध
22 सितंबर- सप्तमी श्राद्ध
23 सितंबर- अष्टमी श्राद्ध
24 सितंबर- नवमी श्राद्ध
25 सितंबर- दशमी श्राद्ध
26 सितंबर- एकादशी श्राद्ध
27 सितंबर- द्वादशी श्राद्ध
28 सितंबर- त्रयोदशी श्राद्ध
29 सितंबर- चतुर्दशी श्राद्ध
30 सितंबर- सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध
हमेशा श्राद्ध पितरो की मृत्यु के दिन ही किया जाता है। अगर आपको अपने पितर की मृत्यु का दिन याद न हो, तो 30 सितंबर को सर्वपितृ है। इस दिन आप श्राद्ध कर सकते है।