Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. शीतला सप्तमी 27 मार्च को, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, मां शीतला को यह भोग लगाना होगा शुभ

शीतला सप्तमी 27 मार्च को, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, मां शीतला को यह भोग लगाना होगा शुभ

शीतला सप्तमी का त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। जानें तिथि, मुहूर्त और पूजन करने की विधि के बारें में।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : March 26, 2019 12:39 IST
sheetla saptami
sheetla saptami

धर्म डेस्क: शीतला सप्तमी का त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। वहीं कुछ जगह पर ये व्रत अष्टमी तिथि पर भी मनाया जाता है। होली के बाद चैत्र मास की अष्टमी से लेकर वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ कृष्ण पक्ष की अष्टमी माता शीतला की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होती है। इस बार शीतला सप्तमी का व्रत 27 मार्च, बुधवार को है।

 
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन जो महिला व्रत रखती है। उसके घर में कभी भी कोई दुख नहीं आता है। इसके साथ ही इस दिन व्रत करने से सुख-समृद्धि और संतान को किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं होती है।

इस कारण है शीतला सप्तमी खास
इस व्रत को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से घर-परिवार में चेचक रोग, दाह, पित्त ज्वर, दुर्गंधयुक्त फोड़े, आंखों की सभी बीमारियां आदि शीतलाजनित समस्याएं दूर हो जाती हैं। लिहाजा लोग इनसे मुक्ति पाने और भविष्य में ऐसे रोगों से अपने परिवार के लोगों को बचाने पूजा-पाठ करेंगे।

शुभ मुहूर्त
शीतला अष्टमी पूजा का मुहूर्त: 06:20 से 18:32 बजे।
मुहूर्त की अवधि: 12 घंटे 12 मिनट

अष्टमी तिथि आरंभ: 27 मार्च 2019, बुधवार 20:55 बजे।
अष्टमी तिथि समाप्त: 28 मार्च 2019, गुरुवार 22:34 बजे।

शीतला अष्टमी व्रत- पूजा
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद माता शीतला के मंत्र (श्मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमनपूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्येश्) से व्रत का संकल्प लें। इसके बाद विधि-विधान और सुगंध युक्त फूल आदि से माता शीतला का पूजन करना चाहिए। फिर एक दिन पहले बनाए हुए बासी भोजन, मेवे, मिठाई, पूआ, पूरी आदि का भोग लगाएं। वहीं चतुर्मासी व्रत कर रहे हों तो भोग में माह के अनुसार भोग लगाएं। इसके बाद शीतला स्रोत का पाठ करना चाहिए। यह उपलब्ध न हो तो शीतला अष्टमी की कथा सुनें। रात में जगराता व दीपमालाएं प्रज्जवलित करने का भी विधान है।

ऐसे लगाएं माता शीतला को भोग
मां शीतला की पूजा के लिए महिलाएं 26 मार्च की रात मां को अर्पित करने वाले और अपने व्रत के पारण के लिए खाए जाने वाले व्यंजन व भोग तैयार करेंगी। इसमें खीर व मीठी रोटी जैसे मीठे भोजन शामिल हैं। वहीं अगले दिन शीतला अष्टमी को उसे भोग के रूप में अर्पित कर बासी भोजन का सेवन करेंगी। वहीं कठोर व्रत करने वाली महिलाएं उस दिन घरों में चूल्हे भी नहीं जलाएंगी। ऐसे में उन घरों में उस दिन बासी भोजन को ही ग्रहण किया जाएगा।

28 मार्च को बुध होगा कुंभ राशि में मार्गी, इन 5 राशियों के जातक रहें संभलकर

साप्ताहिक राशिफल 25 से 31 मार्च: इस सप्ताह इस राशि के जातकों को करना पड़ सकता है मुश्किलों का सामना

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement