धर्म डेस्क: दशहरे से लेकर पूर्णिमा तक चंद्रमा की रोशनी बहुत ही गुणकारी और श्रेष्ठ होती है। इस दिन पूरा चांद दिखाई देने के कारण इसे महापूर्णिमा कहा गया है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होगा। जिसके कारण इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है। इस बार शरद पूर्णिमा 5 अक्टूबर, गुरुवार के दिन पड़ रही है।
इस दिन पूजा करने का विशेष लाभ मिलता है। इसके साथ ही मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू में सवार होकर धरती में आती है। माता यह देखती है उनका कौन भक्त रात में जागकर उनकी भक्ति कर रहा है। माना जाता है जो भक्त इस रात में जागकर मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं मां लक्ष्मी की उन पर अवश्य ही कृपा होती है।
अगर आप भी चाहते है कि मां भी आपके ऊपर अपनी कृपा बरसाएं। जिससे कि आपके सभी काम हो और आपका भाग्य चमक जाएं, तो इस दिन रात के समय इस मंत्र का जाप करें।
ऐसे करें जाप
सबसे पहले इस दिन रात को चंद्रमा का दर्शन करके चांदी के बर्तन में दूध और मिश्री लेकर भोग लगाएं और फिर रातभर इस मंत्र का जाप
"पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे।"
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