धर्म डेस्क: आज शनि प्रदोष व्रत है। प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस बार प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा गया है। प्रदोष व्रत हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। (7 अगस्त: रक्षाबंधन के साथ-साथ चंद्रग्रहण, इन राशियों पर पड़ेगा ये प्रभाव)
माना जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते है। इतना ही नहीं शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव की भी पूजा करना चाहिए। इससे आपको साढ़े साती से भी निजात मिलता है। शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति को दो गायों के दान के समान पुण्य मिलता है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि प्रदोष व्रत को रखने से आपको दो गायों को दान देने के समान पुण्य मिलता है। इस दिन व्रत रखने और शिव की आराधना करने पर भगवान की कृपा आप पर हमेशा रहती है। जिससे आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत करने से आप और आपका परिवार हमेशा आरोग्य रहता है। साथ ही आप की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। (बिजनेस में हो रहा है लगातार घाटा, तो अपनाएं ये वास्तु उपाय)
गुरु प्रदोष व्रत शत्रुओं के विनाश के लिए किया जाता है। गुरुवार के दिन होने वाला प्रदोष व्रत सौभाग्य और दाम्पत्य जीवन की सुख-शान्ति के लिए के साथ-साथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला होता है। जिनको संतान प्राप्ति की कामना हो, उन्हें शनिवार के दिन पडने वाला प्रदोष व्रत करना चाहिए। इससे आपको अच्छा फल प्राप्त होगा।
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