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इस साल की पहली और आखिरी शनिश्चरी अमावस्या कल, जानिए किस राशि में रहेगा प्रभाव

इस साल कोई भी शनिश्चरी अमावस्या नहीं पडेगी। यह अगले साल 2017 में जून को पजेगी। जिसके कारण इस अमावस्या का महत्व बहुत अधिक है। इस बार शनिश्चरी अमावस्य़ा 9 जनवरी, शनिवार को पड रही है। इस साल की आखिरी 9 जनवरी को शनिवार के दिन शनिश्चरी अमावस्या मनाई जाएगी

India TV Lifestyle Desk
Updated : January 08, 2016 18:23 IST
lord shani- India TV Hindi
Image Source : PTI lord shani

धर्म डेस्क: हिंदू पचांग के अनुसार पौष मास कृष्णपक्ष की शनिवार को अमावस्या पड़ रही है। जोकि बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह साल 2016 की पहली अमावस्या होगी। जोकि शनिवार के दिन पड रही है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार यह इस साल की पहली और आखिरी शनिश्चरी अमावस्य़ा होगी।

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जिसके बाद इस साल कोई भी शनिश्चरी अमावस्या नहीं पडेगी। यह अगले साल 2017 में जून को पजेगी। जिसके कारण इस अमावस्या का महत्व बहुत अधिक है। इस बार शनिश्चरी अमावस्य़ा 9 जनवरी, शनिवार को पड रही है।  इस साल की आखिरी 9 जनवरी को शनिवार के दिन शनिश्चरी अमावस्या मनाई जाएगी, जो वर्ष 2016 की पहली शनिश्चरी अमावस्या होगी।

शनिश्चरी अमावस्य़ा इस बार सुबह 7:40 मिनट से शुरू होकर दूसरे दिन यानी 10 जनवरी को सुबह 7:20 मिनट में खत्म होगी। शनिश्चरी अमावस्य़ा में आप शनिदेव की उपासना कर उनकों प्रसन्न कर सकते है।

इस दिन शनिदेव की उपासना करने से आपके ऊपर उनकी कृपा हमेशा बनी रहेगी। इस दिन शिनदेव पर सरसो के तेल से अभिषेक करने पर आपकी सभी मनोकामनाए पूर्ण होने के साथ-साथ आपको सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा।  

अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो आप इस दिन उनकी पूजा कर  इस दोष से निदान पा सकते है। ज्योतिषचार्यों के अनुसार जिस व्यक्ति के ऊपर शनि दोष का प्रभाव होता है।

वह व्यक्ति निर्धन, आलसी, दुःखी, कम शक्तिवान, व्यापार में हानि उठाने वाला, नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला, अल्पायु निराशावादी, जुआरी, कान का रोगी, कब्ज का रोगी, जोड़ों के दर्द से पीड़ित, वहमी, उदासीन, नास्तिक, बेईमान, तिरस्कृत, कपटी, अधार्मिक तथा मुकदमें व चुनावों में पराजित होने वाला बनाता है। इसलिए अगर आप इनमें से किसी समस्या से ग्रसित है तो इस दिन शनि देव की विधि-विधान के साथ पूजा कर शनि दोष से बच सकते है।

अमावस्या पर मूल नक्षत्र, ध्रुव योग स्थिरता के कारक है। स्थाई संपत्ति खरीदी शुभ रहेगी। मेष, सिंह पर ढय्या व धनु, तुला और वृश्चिक पर शनि की साढ़ेसाती है। पांचों राशि वालों को इस दिन पूजा से शनि पीड़ा से वर्षभर राहत मिलेगी।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार वर्तमान में मेष राशि के लिए शनि का गोचर आठवां और सिंह राशि के लिए शनि का गोचर चौथा चल रहा है। यह दोनों राशि शनि के ढैय्या के प्रभाव में हैं।

तुला, वृश्चिक और धनु राशि शनि के साढ़े साती के प्रभाव में हैं। इसमें तुला का आखिरी ढैय्या, वृश्चिक पर मध्य ढैय्या और धनु के लिए प्रारंभिक ढैय्या है।
कुंडली में मार्केश होने पर करें अभिषेक -जिनकी जन्मकुंडली में शनि की दशा चल रही है या फिर वर्तमान में उनकी कुंडली में चौथा, आठवां और 12वें भाव में शनि का भ्रमण हो रहा है।

 

 

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