Sunday, December 22, 2024
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Shani Amavasya 2021: शनिश्चरी अमावस्या आज, इन उपायों को करने से मिलेगी कालसर्प योग, पितृ दोष और शनि की साढ़े साती के बुरे प्रभावों से मुक्ति

शनिश्चरी अमावस्या के दिन पितरों की पूजा के साथ ही शनिदेव की पूजा का विशेष रूप से महत्व है । कहते हैं आज के दिन शनिदेव की पूजा करने से, उनके निमित्त उपाय करने से शनिदेव बहुत जल्दी खुश होते हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : March 13, 2021 6:30 IST
Shani Amavasya 2021: शनिश्चरी अमावस्या कल, जानें शुभ समय और दोष से बचने के उपाय,  शनिश्चरी अमावस्या
Image Source : INSTAGRAM/LORDSHANIDEV Amavasya 2021: 13 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या, इन उपायों को करने से मिलेगी कालसर्प योग, पितृ दोष और शनि की साढ़े साती के बुरे प्रभावों से मुक्ति

Shani Amavasya 2021: शनिश्चरी अमावस्या आज, जानें शुभ समय और दोष से बचने के उपाय, शनिश्चरी अमावस्या के दिन पितरों की पूजा के साथ ही शनिदेव की पूजा का विशेष रूप से महत्व है, 13 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या, इन उपायों को करने से मिलेगी कालसर्प।

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि अमावस्या और दिन शनिवार है। अमावस्या तिथि 13 मार्च को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। उसके बाद फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। शास्त्रों में शनिश्चरी अमावस्या का बड़ा ही महत्व है। इस दिन पितरों की पूजा के साथ ही शनिदेव की पूजा का विशेष रूप से महत्व है। कहते हैं आज के दिन शनिदेव की पूजा करने से, उनके निमित्त उपाय करने से शनिदेव बहुत जल्दी खुश होते हैं, साथ ही जन्मपत्रिका में अशुभ शनि के प्रभाव से होने वाली परेशानियों, जैसे शनि की साढे-साती, ढैय्या और कालसर्प योग से भी छुटकारा मिलता है।

 शनिश्चरी अमावस्या की सुबह 7 बजकर 54 मिनट से लेकर कल की सुबह 7 बजकर 39 मिनट तक शुभ योग रहेगा। इसके साथ ही रात 12 बजकर 22 मिनट तक पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए शनिश्चरी अमवस्या, शुभ योग और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में किए जाने वाले खास उपायों के बारे में।

Shani Amavasya 2021: जानिए कब है शनिश्चरी अमावस्या, साढ़े-साती से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

  • अगर जन्मपत्रिका में शनि दोष के कारण आपके कार्यों में अड़चनें आ रही हैं, तो आज घर पर शमी, जिसे खेजड़ी भी कहते हैं, का पेड़ लाकर गमले में लगाइए और उसके चारों तरफ गमले में काले तिल डाल दीजिये और उसके आगे सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि देव के इस मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र है – ऊँ शं यो देवि रमिष्ट्य आपो भवन्तु पीतये, शं योरभि स्तवन्तु नः.
  • अगर आप चाहते हैं कि भविष्य में आपके साथ सब अच्छा ही अच्छा हो तो आज गेहूं के आटे की रोटी बनाकर, उस पर गुड़ का एक छोटा-सा टुकड़ा रखकर गाय को खिलाएं। साथ ही गाय को छूकर उसका आशीर्वाद भी लें।
  • अगर आप शनि की साढे-साती या ढैय्या की चाल से परेशान हैं, तो आज आपको शनि स्रोत का पाठ करना चाहिए। साथ ही सिद्ध किया हुआ शनि यंत्र धारण करना चाहिए। आज शनिश्चरी अमावस्या का दिन शनि यंत्र धारण करने के लिये बड़ा ही श्रेष्ठ है।
  • अगर आपकी पत्रिका में पितृ दोष बना हुआ है, जिसके कारण आपके परिवार की खुशहाली कहीं खो गई है, तो आज आपको दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध कार्य करना चाहिए। साथ ही पीपल की जड़ में पानी डालकर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
  • अगर आपके प्रेम-विवाह में किसी प्रकार की अड़चने आ रही हैं तो उन अड़चनों से पीछा छुड़ाने के लिये आज आपको पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही शनिदेव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- शं ह्रीं शं शनैश्चराय नमः

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  • अगर आप परीक्षा में अपने परिणाम को लेकर चिंतित हैं, काफी मेहनत के बाद भी रिजल्ट को लेकर आपको एक पॉजिटिव फीलिंग नहीं आ रही है, तो आज आपको एक विद्या यंत्र लेकर उसकी विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए और पूजा करने के बाद उसे अपने पढ़ाई वाले कमरे में रखना चाहिए।
  • अगर अच्छा खासा कमाने के बाद भी आपके पास कोई खास बचत नहीं हो पाती है और पैसों के मामले में आपके हाथ तंग बने रहते हैं तो आज आप शनि मन्दिर में जाकर उनके इस मंत्र का 21 बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है- शं ऊँ शं नमः
  • अगर आप अपने पितरों की आत्मा को संतुष्टि दिलाना चाहते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में खुशहाली भरना चाहते हैं, तो आज आपको सुबह स्नान के बाद दूध-चावल की खीर बनानी चाहिए और एक गोबर के उपले की कोर बनाकर उस पर पितरों के निमित्त दूध-चावल की खीर से आहुति देनी चाहिए और उसके बायीं तरफ पानी छोड़ना चाहिए।

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