धर्म डेस्क: शास्त्रों में शनिश्चरी और सोमवती इन दो अमावस्याओं का बहुत ही महत्व है। किसी भी महीने की अमावस्या जब शनिवार के दिन पड़ती है तो वह शनिश्चर अमावस्या कहलाती है। इसलिए आज शनिवार होने के कारण यह शनिश्चरी अमावस्या है। इस बार खास बात ये है कि आज के दिन विशाखा नक्षत्र भी है।
हेमाद्रि, कालविवेक के पृष्ठ 343 से 344 तक, तिथितत्व के पृष्ठ 163 पर, पुरुषार्थ चिन्तामणि के पृष्ठ 314 से 345 तक, वर्ष क्रियाकौमुदी के पृष्ठ 9 से 10 में महाभारत एवं पुराणों से उद्धरण आये हैं, जिनके आधार पर सोमवार, मंगलवार या बृहस्पतिवार के दिन तथा अनुराधा, विशाखा एवं स्वाति नक्षत्रों में पड़ने वाली अमावस्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है।
विशाखा नक्षत्र इस दिन शाम 07 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। शनिश्चरी अमावस्या के संयोग से अगर इस दौरान शनि देव से जुड़े कुछ खास उपाय किये जायें तो यह शुभ फल देने वाला होगा।
शनि देव कर्मफल दाता हैं, वे न्याय के देवता हैं। शनिदेव व्यक्ति के कर्म के आधार पर उसे फल देते हैं। शनिदेव, जिनके गुरु स्वयं भगवान शिव हैं, जब प्रसन्न होते हैं तो ढेर सारी खुशियां देते हैं, लेकिन जब कोई कुछ गलत करता है, तो वह शनि देव की दृष्टि से नहीं बच सकता।
शनि की साढे-साती, ढैय्या और कालसर्प योग से मुक्ति के लिये शनिश्चरी अमावस्या का यह दिन बड़े ही शुभ संकेत लेकर आया है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन शनि देव बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं कैसे आज के दिन कुछ उपायों को करने से आपकी सारी परेशानियां हल हो सकती हैं, कैसे शनि की दृष्टि से उत्पन्न रोगों से आपको छुटकारा मिल सकता है।
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