सावन का आखिरी और चौथा सोमवार कल यानी 16 अगस्त 2021 को है। इस दिन पंचांग के अनुसार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। सावन के आखिरी सोमवार का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा की जाती है ऐसा करने से विजय और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है। आइए जानते हें सावन के आखिरी सोमवार की पूजा- विधि, मुहूर्त, मंत्र और सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में।
पूजा- विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में दीप जलाएं।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर गंगाजल और दूध चढ़ाएं।
- भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं।
- इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- भगवान शिव का ध्यान करें।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सावन का महीना 22 अगस्त को समाप्त हो रहा है। सावन का आखिरी सोमवार 16 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन सावन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पड़ रही है। इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा तथा अनुराधा नक्षत्र लग रहा है। सावन के आखिरी सोमवार पर व्रत और पूजन करने से भगवान शिव अवश्य प्रसन्न होते हैं। इस दिन राहुकाल सुबह 07 बजकर 29 मिनट से लेकर 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इस काल में पूजन या कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है।
सावन सोमवार की लिस्ट
पहला श्रावण सोमवार 26 जुलाई 2021
दूसरा श्रावण सोमवार 2 अगस्त 2021
तीसरा श्रावण सोमवार 9 अगस्त
चौथा श्रावण सोमवार 16 अगस्त
भगवान शिव की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री
भगवान शिव की पूजा करने के लिए आपको फुल, पंच फल, पंचमेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती जी की सोलह श्रृंगार के समान की जरूरत पड़ेगी।
सावन सोमवार का महत्व
सावन के सोमवार का अधिक महत्व होता है। सावन पूजा भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को सावन का महीना अतिप्रिय होता है।
भगवान शिव के मंत्र
सावन के हर सोमवार को इन मंत्रों का जाप करना चाहिए ऐसी मान्यता है कि इन मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शिव जी का पंचाक्षर मंत्र: ऊँ नम: शिवाय।।
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
भगवान शिव के प्रिय मंत्र
ॐ नमः शिवाय।
नमो नीलकण्ठाय।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
सावन का महीना 22 अगस्त रविवार के दिन समाप्त हो रहा है। इस दिन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है।