Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. सावन का तीसरा सोमवार, इन मंत्रों से करें शिव जी की आराधना, साथ ही जानें पूजा विधि

सावन का तीसरा सोमवार, इन मंत्रों से करें शिव जी की आराधना, साथ ही जानें पूजा विधि

सावन का तीसरा सोमवार 20 जुलाई को पड़ रहा है। यह सोमवार काफी खास है क्योंकि इस बार सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या भी पड़ रही है। जानें पूजा विधि।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : July 19, 2020 19:52 IST
सावन का तीसरा सोमवार
Image Source : INSTAGRAM/BHOLE_NATH_KI_MAHFILL सावन का तीसरा सोमवार

सावन का तीसरा सोमवार 20 जुलाई को पड़ रहा है। यह सोमवार काफी खास है क्योंकि इस बार सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या भी पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने का विशेष फल मिलेगा। शास्त्रों के अनुसार दूसरे दिनों की अपेक्षा सावन में भक्त और शिव जी के बीच की दूरी कम हो जाती है। जिसके कारण सावन अधिक फलदायी माना जाता है। 

सावन के तीसरे सोमवार को बन रहे हैं विशेष संयोग

सावन के तीसरे सोमवार के दिन सर्वार्थसिद्धि योग, पुनर्वसु नक्षत्र, श्रावण सोमवार, सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है। जिसमें  स्नान-दान करने का विशेष महत्व मिलेगा। इसके साथ ही श्राद्ध-तर्पण करने से पितर तृप्त हो जाएंगे।   

सावन का तीसरे सोमवार के साथ सोमवती अमावस्या का संयोग, इन अचूक उपायों से करें भगवान शिव को प्नसन्न

सावन के तीसरे सोमवार की पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में  स्नान करके लभगवान शिव और पार्वती का ध्यान करते हुए पांच या सात साबुत बेलपत्र साफ पानी से धोएं और फिर उनमें चंदन छिड़के या चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें। इसके बाद तांबे के लोटे (पानी का पात्र) में जल या गंगाजल भरें और उसमें कुछ साबुत और साफ चावल डालें। अंत में लोटे के ऊपर बेलपत्र और फूल रखें। बेलपत्र और जल से भरा लोटा से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। रुद्राभिषेक के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप या भगवान शिव को कोई अन्य मंत्र का जाप करें। रुद्राभिषेक के बाद शिवचालीसा, रुद्राष्टक और तांडव स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं। घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें -

'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमवार व्रतं करिष्ये'

20 साल बाद सोमवती अमावस्या के दिन बन रहा अद्भुत संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें -

'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌।

पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥

ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा ' ॐ शिवाय नमः ' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें। पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें। उसके बाद आरती कर प्रसाद वितरण करें।

करें मां पार्वर्ती और शिव जी की पूजा एक साथ

आज भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा एक साथ करने से आपके वैवाहिक जीवन में हो रही हर समस्या से निजात मिलेगा। शिवपुराण में बताया गया है कि सावन के महीने में ही भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर पत्नी रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था। उन्होंने यह भी कहा था जो भी भक्त सच्चे मन से सावन के महीने में संसार की भलाई के लिए पूजा करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं मैं पूरी करूंगा।

अन्य खबरों के लिए करें क्लिक

Hariyali Teej 2020: कब है हरियाली तीज, साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा

राशिफल 20 जुलाई: कन्या राशि वालों के मन-मुताबिक सभी काम होंगे पूरे, बाकी राशियों का ऐसा रहेगा हाल

वास्तु टिप्स: शिवलिंग के आकार की भूमि साधुओं के लिए होती है श्रेष्ठ

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement