शंखचूड़ कालसर्प दोष
अगर आपकी जन्म कुंडली में शंखचूड़ कालसर्प दोष है तो रोज महामृत्युंजय कवच का पाठ करें और श्रावण महीने के हर सोमवार का व्रत रखते हुए शिव का रुद्राभिषेक करें।
- सावन की शिवरात्रि की रात सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें।
- इस दिन पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष लाल धागे में करके धारण करें।
घातक कालसर्प दोष
अगर आपकी कुंडली में घातक कालसर्प दोष है तो शिवरात्रि के दिन हरे धागे में करके चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करें।
- इस दोष के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें।
- सोमवार के दिन व्रत रखें, भगवान शिव के मंदिर में चांदी के नाग की पूजा कर अपने पितरों का स्मरण करें और उस नाग को बहते जल में श्रद्धापूर्वक विसर्जित कर दें।
विषधर कालसर्प दोष
अगर आपकी कुंडली में विषधर कालसर्प दोष है तो सावन की शिवरात्रिके दिन किसी मंदिर में जाकर जरुरतमंदो को अपने इच्छाशक्ति के अनुसार दान करें।
- इस दोष से निवारण के लिए आपके परिवार में जितने लोग है उतने ही संख्या में नारियल लेकर हर सदस्य का हाथ लगाते हुए नदी में प्रवाहित करें।
- सोमवार को शिव मंदिर में चांदी के नाग की पूजा करें, पितरों का स्मरण करें तथा श्रद्धापूर्वक बहते पानी नागदेवता का विसर्जन करें।
शेषनाग कालसर्प दोष
अगर आपकी कुंडली में शेषनाग कालसर्प दोष है तो सावन की शिवरात्रिकी एक दिन पहले कि रात यानी कि पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे और सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह किसी नदी में प्रवाहित कर दें।
इस दोष के निवारण के लिए सावन की शिवरात्रिके दिन जरुरतमंदो को सफेद रंग के कपड़े और चावल दान करें।
- सावन की शिवरात्रि के दिन मसूर की दाल तीन बार गरीबों और जरुरतमंदो को दान करें।
- सवा महीने जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं। इससे इस दोष से निवारण मिलेगा साथ ही आपको हर काम में सफलता मिलेगा।