वासुकि कालसर्प दोष
- कुंडली में ये दोष होने पर आप सावन की शिवरात्रिके दिन तीन, आठ या फिर नौ मुखी रुद्राक्ष लाल धागे में डालकर धारण करें।
- रात को सोते समय अपने पास बाजरा रखें और सुबह उठकर इसे पक्षियों को खिला दें।
- महामृत्युंजय मंत्रों का जाप रोजाना 11 बार माला करें, जब तक राहु केतु की दशा-अंर्तदशा रहे और हर शनिवार को श्री शनिदेव का तैलाभिषेक करें और मंगलवार को हनुमान जी को चौला चढ़ाएं।
शंखपाल कालसर्प दोष
- अगर आपकी कुंडली में ये दोष है तो इसके लिए आप सावन की शिवरात्रिके दिन मंदिर जाकर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।
- इस दोष से निवारण के लिए 400 ग्राम साबूत बादाम लेकर बहते जल में प्रवाहित करें।
- इस दिन मुख्य द्वार पर चांदी का स्वस्तिक और दोनों ओर धातु से निर्मित नाग चिपका दें। साथ ही सूखे नारियल के फल को जल में तीन बार प्रवाहित करें।
पद्म कालसर्प दोष
अगर आपकी कुंडली में पद्म कालसर्प दोष है तो सावन की शिवरात्रिसे लेकर 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
- सावन की शिवरात्रि के दिन जरुरतमंदो को पीले रंग के वस्त्र दान करें।
- इस दिन मुख्य द्वार पर चांदी का स्वस्तिक और दोनों ओर धातु से निर्मित नाग चिपका दें। साथ ही सूखे नारियल के फल को जल में तीन बार प्रवाहित करें।
- शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार से व्रत प्रारंभ कर 18 शनिवारों तक व्रत करें और काला वस्त्रा धारण कर 18 या 3 माला राहु के बीज मंत्रा का जाप करें। फिर एक बर्तन में जल दुर्वा और कुशा लेकर पीपल की जड़ में चढ़ाएं।
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