सावन मास का चौथा सोमवार आज है। वैसे तो सावन के हर दिन भोलेनाथ की आराधना करना फलदायी होता है लेकिन सोमवार के दिन का खास महत्व होता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस दिन कुछ महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए सावन का सोमवार का व्रत रखती हैं तो कुछ अविवाहित महिलाएं शिव और पार्वती की पूजा अच्छा वर पाने के लिए। मान्यता है कि श्रावण मास के सोमवार को जो भी भक्त शिव जी का व्रत रखता है तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। बस इसके लिए भक्त को पूजा विधि की जानकारी होना जरूरी है।
पूजन विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके ताजे बेलपत्र लाएं।
- पांच या सात साबुत बेलपत्र साफ पानी से धोएं और फिर उनमें चंदन छिड़कें या चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें।
- तांबे के लोटे में जल या गंगाजल भरें और उसमें कुछ साबुत और साफ चावल डालें।
- आखिर में लोटे के ऊपर बेलपत्र और पुष्पादि रखें।
- बेलपत्र और जल से भरा लोटा लेकर पास के शिव मंदिर में जाएं और वहां शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।
- रुद्राभिषेक के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप या भगवान शिव को कोई अन्य मंत्र का जाप करें।
- रुद्राभिषेक के बाद मंदिर परिसर में ही शिवचालीसा, रुद्राष्टक और तांडव स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं।
- मंदिर में पूजा करने बाद घर में पूजा-पाठ करें।
- घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पूरी पूजन तैयारी के बाद 'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमवार व्रतं करिष्ये' मंत्र से संकल्प लें।
- भगवान भोलेनाथ का ध्यान करें।
- ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा ' ॐ शिवाय नमः ' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
- पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
- आरती कर प्रसाद वितरण करें।
इन मंत्रों का करें जाप
ऊं नम: शिवाय
उम्र बढ़ाने के लिए
'ऊं नम: शिवाय' मंत्र का जाप उम्र बढ़ाने के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भोलनाथ की पूजा करते वक्त इस मंत्र का जाप करने और उन पर दुर्वा और जल चढ़ाने से उम्र बढ़ती है।
ऊं नमो भगवते रुद्राय
मान-सम्मान में होती है बढ़ोतरी
रोजाना अगस्त्य के फूलों को चढ़ाते वक्त 'ऊं नमो भगवते रुद्राय' मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है।
ऊं हौं जूं सः पालय पालय सः जूं हौं ऊं
रोग होते हैं दूर
'ऊं हौं जूं सः पालय पालय सः जूं हौं ऊं' मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करने से रोग दूर होते हैं।
ऊं शंकराय नम:
भय, क्लेश और गरीबी होती है दूर
श्वावन मास महीने में पूजा के दौरान रोज तिल के फूलों को भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। इन फूलों को चढ़ाते वक्त 'ऊं शंकराय नम:' मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से भय, क्लेश और गरीबी दूर होती है।