भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे अच्छा माह सावन माना जाता है। इस बार सावन सोमवार के दिन से ही शुरू हो रहे हैं जोकि बहुत ही शुभ माना जा रहा है। इस बार सावन 6 जुलाई से शुरू होकर 3 अगस्त तक रहेगा। इस बार पूरे 5 सोमवार पड़ रहे हैं। इसके अलावा इस बार बात ये हैं कि सावन का आखिरी दिन सोमवार ही है।
सोमवार 6 जुलाई को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और वैधृति योग के साथ होगा। वहीं चंद्रमा मकर राशि में रहेगा। इस बार 5 सोमवार होने के साथ-साथ कई शुभ योग लग रहे हैं जोकि पूरे 25 से ज्यादा होंगे। जिसमें 11 सर्वार्थसिद्धि, 3 अमृतसिद्धि और 12 दिन रवियोग रहेंगे। इस शुभ योगों में की गई पूजा का विशेष फल प्राप्त होगा।
माना जाता है कि इस पवित्र माह सावन में ऐसे कई काम है जो नहीं करना चाहिए। इससे जीवन पर बुरा असर पड़ता है। जानिए इनके बारे में।
- सावन के इस पावन माह में बुजुर्ग व्यक्ति, गुरु, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता, मित्र और ज्ञानी लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए। इससे शिव शंकर रुष्ट हो जाते हैं।
- सावन के महीने में मांस-मंदिरा से कोसों दूर रहना चाहिए। इस बारे में की वज्ञानिक मत भी है। इनके अनुसार सावन माह बारिश के मौसम में होता है, इस दौरान वातावरण में काफी कीड़े-मकोड़े सक्रिय हो जाते हैं जोकि जानवरों के शरीर पर भी पाए जाते हैं, जिनका सेवन करके आप खुद बीमारियों को दावत दे रहे हैं।
- सावन के माह में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। इससे आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे।
सावन 2020: भगवान शिव को कभी न चढ़ाएं ये सात चीजें, नहीं मिलेगा पूजा का फल
- शास्त्रों में बताया गया है कि सावन के माह में बैगन खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा द्वादशी, चतुर्दशी और कार्तिक मास को भी इसे खाने की मनाही है।
- सावन के माह में ब्रहमचर्य का पालन करें और शारीरिक सुख ना भोंगे क्योंकि इस दौरान गर्भधारण की संभावना भी होती है। वैज्ञानिक भी इस समय को प्रेग्नेंसी सही नहीं मानते हैं क्योंकि इस दौरान लड़कियां और महिलाएं काफी पूजा-पाठ और व्रत करती हैं जिसके कारण उनकी सेहत पर असर पड़ता है, वो आंतरिक रूप से मजबूत नहीं हो पाती हैं।
- शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई होगी। वहीं अगर आप इसका सेवन कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि दूध बिना उबाले न पिएं। इस बारे में वैज्ञानिक मत है कि इन दिनों दूध वात बढ़ाने का काम करता है।
- किसी के बारे में न बुरा सोचे और न ही करें।