भगवान शिव को समर्पित श्रावण महीना चल रहा है। श्रावण मास 6 जुलाई से शुरू होकर 3 अगस्त तक रहेगा। श्रावण महीने को शिव भक्ति के लिये जाना जाता है। श्रावण मास में ही भगवान शिव के निमित्त कांवड़ भी लाई जाती है, जिसे श्रावण मास की शिवरात्रि के दिन उचित विधि-विधान से भगवान शिव के मन्दिर में अर्पित किया जाता है। वैसे तो पूरा सावन मास शिव भक्ति के लिये समर्पित है, लेकिन शिव भक्ति के लिये श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार का बहुत अधिक महत्व बताया गया है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ रहे हैं- पहला 6 जुलाई को, दूसरा 13 जुलाई को, तीसरा 20 जुलाई, चौथा 27 जुलाई को और पांचवा 3 अगस्त को है। जानिए श्रावण कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले कुछ मुख्य त्योहारों के बारे में।
श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले त्योहार
श्री शीतला अष्टमी का व्रत: श्रावण कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानि की 13 जुलाई को श्री शीतला अष्टमी का व्रत किया जायेगा। साथ ही इस दिन सावन महीने का दूसरा सोमवार भी पड रहा है।
कामिका एकादशी: श्रावण कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि तिथि 16 जुलाई को है। इस कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है।
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शनि प्रदोष: श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 18 जुलाई को है। इस दिन शनिवार होने से यह प्रदोष शनि प्रदोष है।
सोमवती अमावस्या: श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को 20 जुलाई को है इसी दिन सावन का तीसरा सोमवार पड़ रहा है इस दिन सोमवार होने के वजह से सोमवती अमावस्या मनायी जाएगी।
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श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले त्योहार
वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी : श्रावण शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानि 24 जुलाई को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जायेगा।
नाग पंचमी: श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी यानि 25 जुलाई को नाग पंचमी का पर्व मनाया जायेगा।
पुत्रदा एकादशी: श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानि 30 जुलाई को पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जायेगा।
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शनि प्रदोष व्रत: श्रावण शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 1 अगस्त को शनिवार का दिन पड़ रहा है जिस वजह से शनि प्रदोष व्रत किया जायेगा। शनि प्रदोष व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है।
रक्षा बंधन : श्रावण शुक्ल पक्ष को पूर्णिमा तिथि यानि 3 अगस्त को स्नान-दान-व्रतादि की श्रावणी पूर्णिमा मनायी जाएगी। साथ ही इस दिन भाई-बहन के आपसी प्यार और सौहार्द का त्योहार रक्षा बंधन भी मनाया जायेगा। इसके साथ ही श्रावण का महीना समाप्त हो जायेगा।
श्रावण मास में पड़ने वाला पंचक
श्रावण महीने में पंचक की शुरुवात 8 जुलाई की दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 13 जुलाई की दोपहर पहले 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। बता दूं कि- धनिष्ठा से लेकर रेवती तक के पांच नक्षत्रो के समूह को पंचक कहें जाते है। इस दौरान वुड वर्क अवॉइड करना चाहिए ।
श्रावण मास में पड़ने वाली भद्रा
11 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर देर रात 2 बजकर 41 मिनट तक पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी।
23 जुलाई की देर रात 3 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर 24 जुलाई की दोपहर 2 बजकर 35 मिनट तक पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार जिस दिन पृथ्वी लोक की भद्रा होती है और केवल तभी भद्रा शुभ कार्यों के लिये वर्जित होती है, परन्तु जब भद्रा स्वर्ग लोक या पाताल लोक में होती है, तब उसका कोई प्रभाव नहीं होता।