सावन का पवित्र माह में भगवान शिव की विधि-विधान ते साथ पूजा अर्चना की जाती हं। जिससे शिव प्रसन्न होकर मनुष्य को शुभ फल देते हैं। इस साल सावन का माह काफी अच्छा संयोग है। दरअसल इस साल सावन में पूरे 5 सोमवार पड़ रहे हैं। जिसकी शुरुआत और समाप्ति दोनों सोमवार के दिन ही हैं। इसके अलावा 25 शुभ योग पड़ रहे हैं जिसमें 11 सर्वार्थसिद्धि, 3 अमृतसिद्धि और 12 दिन रवियोग रहेंगे। इस शुभ योगों में की गई पूजा का विशेष फल प्राप्त होगा।
शिवपुराण के अनुसार अकाल मृत्यु से बचने और असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय जप करना शुभ माना जाता है। महामृत्युंजय भगवान शिव को प्रसन्न करके बीमारी, दुर्घटना, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों से दूर करने के साथ आयु बढ़ाने के लिए अच्छा माना है। इसके लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जप करने का विधान है। सावन के माह में इस मंत्र का जाप करने का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं सः। ऊँ भूः भुवः स्वः ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ऊँ स्वः भुवः भूः ऊँ। ऊँ सः जूं हौं।
महामृत्युंजय मंत्र का जप करते समय कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। जिससे कि आपको इस मंत्र का पूरा फल मिले। वैसे तो इस मंत्र का जाप प्रतिष्ठित पंडितों से कराया जाता है। अगर आप इस सक्षम नहीं है कि पंडितों से करा सके तो आप इस मंत्र का जाप खुद कर सकते हैं। बस जाप करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
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महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते बरते ये सावधाानियां
- इस मंत्र का जाप करते समय उच्चारण ठीक ढंग से होना चाहिए। एक भी शब्द पढ़ते समय गलती न करें।
- महामृत्युंजय मंत्र की संख्या हमेशा बढ़ाई जाती है। मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या निर्धारण कर करे। अगले दिन इनकी संख्या बढ़ा लें, लेकिन कम न करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते अस्पष्ट उच्चारण होठों से बाहर नहीं आना चाहिए। अगर आपको अभ्यास नहीं है तो धीमे स्वर में इसका जप करें।
- इस मंत्र का जाप करते समय शुद्ध स्थान के साथ-साथ आसन बिछा कर बैठे। कभी भी धरती में बैठकर इस मंत्र का जाप न करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें। इस मंत्र का जाप एक निर्धारित जगह में ही करें। इस मंत्र का जप उसी जगह करे जहां पर भगवान शिव की मूर्ति, प्रतिमा या महामृत्युमंजय यंत्र रखा हो।
- मंत्र का जाप करते समय एकाग्र रखें। अपने मन को भटकने न दे। महामृत्युंजय का जाप करने वाले दिनों में किसी की बुराई या फिर झूठ नही बोलना चाहिए।
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- अगर आप मांसाहारी हैं तो जितने दिन यह जाप कर रहे हैं या करा रहे हैं उतने दिन इससे दूरी बनाकर रखें।
- इस मंत्र का जाप करते समय आलस्य या उबासी को पास न आने दे।
- इस मंत्र का जाप करते समय एक घी का दीपक जरूर जला लें और उसे लगातार मंत्र करते वक्त जलने दें।
- इस मंत्र का जाप केवल रुद्राक्ष माला से ही करे। इस रुद्राक्ष माला को गौमुखी में ही रख कर करें पूरा मंत्र हो जाने के बाद ही गौमुखी से बाहर निकाले।
- महामृत्युमंजय मंत्र का जाप करते वक्त शिवलिंग में दूध मिले जल से अभिषेक भी कर सकते हैं।