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स्वामी रामदेव ने कहा- कोरोना काल का संदेश सांस्कृतिक जड़ों, धर्म और आध्यात्म से जुड़े रहिए

स्वामी रामदेव ने लोगों को शास्त्रों और वेदों का पाठ पढ़ने की सलाह दी। बच्चों को गायत्री मंत्र पढ़ाने की अपील की।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 09, 2020 19:34 IST

इस समय पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। ऐसे में इस संकट की घड़ी में आस्था जगाने और सकारात्मकता फैलाने के प्रयास में इंडिया टीवी कई धर्मों के महागुरुओं के साथ 'सर्वधर्म सम्मेलन' कर रहा है। इस महाआयोजन में 20 महागुरुओं की संतवाणी सुनने का मौका मिल रहा है। इसी कड़ी में पूरी दुनिया में योग को घर-घर पहुंचाने वाले स्वामी रामदेव ने कोरोना काल में स्वस्थ और प्रसन्न रहने के तरीकों को बताया। 

कोरोना काल में योगधर्म का क्या महत्व है? इस पर स्वामी रामदेव ने कहा- जो हम खुद के लिए नहीं चाहते, वो व्यवहार हमें दूसरों के साथ नहीं करना चाहिए। धर्म का मर्म है- सेवा धर्म, मानव धर्म, प्रकृति धर्म और विश्व धर्म। एकत्व, समानता और बंधुत्व का मूल तत्व यही है कि आपके आसपास कोई भूखा ना रहे। किसी गरीब के इलाज में मदद करें। किसी प्यासे को पानी पिलाएं। इस समय हर तरफ निराशा है, इसलिए लोगों को विचारों को पॉजिटिव करें।

संकट की स्थिति में ऐसे करी लोगों की सेवा

इस संकट की स्थिति में कैसे लोगों की सेवा कर रहे हैं? इसके जवाब में स्वामी रामदेव ने कहा- पतंजलि से जुड़े 2 लाख लोग सेवा कार्य में लगे हैं। 100 से ज्यादा कंपनियों के माध्यम से देश सेवा कर रहे हैं। योगा के जरिए लोगों ने खुद को स्वस्थ किया है। इम्युनिटी मजबूत की है। काढ़े से करोड़ों लोगों को फायदा हुआ है।

शास्त्रों और वेदों के बारे में जानिए

स्वामी रामदेव ने लोगों को शास्त्रों और वेदों का पाठ पढ़ने की सलाह दी। बच्चों को गायत्री मंत्र पढ़ाने की अपील की। इससे आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है। कोरोना काल में अपने से बड़ों के पास बैठे, उनके द्वारा दिए ज्ञान से जीवन में दिव्यता आएगी। 

ये बुरा वक्त है, जो टल जाएगा

धार्मिक स्थलों के खुलने को लेकर स्वामी रामदेव ने कहा कि शास्त्रों के संदर्भों के अनुसार कह रहा हूं कि तीनों लोक का स्थान खाली नहीं है। हर जगह भगवान है। बाहर के मंदिर के साथ-साथ अपने मन को भी आचारों, विचारों और व्यवहार से पवित्र बनाएं। ये बुरा वक्त है, जो कट जाएगा और टल जाएगा। ये वक्त निकल जाएगा। बस धैर्य की जरुरत है। 

आहार-विचार को सुधारिए

किसी का मोटापा बढ़ रहा है। कमर दर्द हो रहा है। ब्लड प्रेशर घट-बढ़ रहा है। ऐसे में खुद को मजबूत बनाएं। शिक्षा, चिकित्सा से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्र तक आत्मनिर्भर बनिए। आहार और विचार को शुद्ध करिए। अपनी सांस्कृतिक जड़ों, धर्म और आध्यात्म से जुड़े रहिए, ये कोरोना काल का संदेश है। योग, आध्यात्म और सदाचार से मजबूत बनिए।  

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