सामुद्रिक शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए जीवनसाथी के बारे में। शादी हर किसी की जिंदगी का एक अहम पड़ाव होता है और इस पड़ाव से पहले हर कोई ये जरूर जानना चाहेगा कि उनके जीवनसाथी का स्वभाव कैसा है ? या फिर जिससे आप शादी कर रहे हैं वही आपके लिये मिस्टर परफेक्ट या मिसेज़ परफेक्ट है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हमारे हाथों की कुछ रेखाओं से आप यह आसानी से जान सकते हैं कि आपके जीवनसाथी में क्या खूबियां होंगी या क्या कमियां। हथेली में पाए जाने वाले शुक्र पर्वत और गुरु पर्वत दो ऐसी रेखाएं हैं, जो आपके जीवनसाथी के रंग-रूप और वैवाहिक जीवन में सम्बन्धों की मजबूती के बारे में संकेत देती हैं, लेकिन महिला और पुरुष के लिये इन दोनों पर्वतों के मायने अलग-अलग हैं।
हथेली में गुरु और शुक्र की स्थिति
शुक्र पर्वत और गुरु पर्वत को छोड़कर हथेली में उपस्थित अन्य रेखाएं चाहे पुरुष हो या महिला, दोनों के लिये समान फल ही देती है, लेकिन ये दोनों रेखाएं ऐसी हैं जो पुरुष और महिला के लिये अपने गुणों में बदलाव करती हैं। जैसे विवाह की जानकारी के लिये महिला के हाथ में गुरु पर्वत देखना पड़ता है, जबकि पुरुष के हाथ में शुक्र पर्वत विवाह की जानकारी देता है। गुरु पर्वत का स्थान तर्जनी उंगली के नीचे माना जाता है जबकि शुक्र पर्वत का स्थान अंगूठे के नीचले भाग में होता है। किसी लड़की के हाथ में गुरु पर्वत की उन्नत स्थिति उसे गृहस्थी के कार्य में चतुर बनाती है, यानि ऐसी लड़की आपके घर के लिये लक्ष्मी का रूप बनकर आयेगी।
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जब हथेली में शुक्र पर्वत अच्छी स्थिति में होता है, यानि की न ज्यादा उठा हुआ होता है और न ही ज्यादा दबा हुआ तो मनपसंद जीवनसाथी का योग बनता है. वहीं गुरु पर्वत के उन्नत होने से अच्छा भाग्य योग बनाता है। आपके काम आपके मन मुताबिक होंगे।
गुरु पर्वत के उन्नत होने के साथ-साथ यदि इस पर क्रास का निशान भी बना है तो मनपसंद जीवनसाथी मिलता है और जल्द ही विवाह होता है. यदि लड़का और लड़की दोनों के हाथों में गुरु पर्वत उनन्त हो तो यह एक अच्छे पारिवारिक जीवन की निशानी होती है. ऐसे लोगों को संतान का सुख मिलता है।
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जीवन रेखा से जीवनसाथी का संबंध
हथेली में स्थित जीवन रेखा की लंबाई और दिशा वैवाहिक जीवन के कई राज खोलती हैं। यदि जीवन रेखा की लंबाई सही हो और उस पर किसी भी प्रकार के अशुभ चिह्न न हो तो ससुराल पक्ष का विशेष सहयोग प्राप्त होता है, लेकिन अगर जीवन रेखा पर किसी भी प्रकार के अशुभ चिह्न हो या फिर जीवन रेखा अन्य रेखाओं द्वारा कट रही है तो ससुराल पक्ष का उम्मीद के अनुसार सहयोग नहीं मिल पाता।