इस समय पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। इस संकट की घड़ी में आस्था जगाने और जीवन को अनवरत आगे बढ़ाने के प्रयास में इंडिया टीवी कई धर्मों के महागुरुओं के साथ 'सर्वधर्म सम्मेलन' कर रहा है। इस महाआयोजन में 20 महागुरुओं की संतवाणी सुनने का मौका मिलेगा। इन महागुरुओं में साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हैं, जो एक साध्वी, धार्मिक कथा वाचक और राजनीतिज्ञ भी हैं। उन्होंने इस संकट के समय में विश्व शांति की चर्चा करते हुए आपसी सहयोग और सामंजस्य का संदेश दिया।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि मनुष्य ने बुद्धि का दुरुपयोग किया है। अगर धर्म की बात सीखी होती तो पता होता कि राम हमारे भीतर हैं और सुख के लिए कहीं बाहर जाने की जरुरत नहीं है। धर्म कहता है कि पहले जीने दो फिर जियो। धर्म हमें सिखाता है कि सुख आपके भीतर ही है।
कोरोना के प्रकोप को देखते हुए साध्वी ने कहा कि अभी भी नहीं सुधरे तो इससे बड़ी आपदा आएगी। कोरोना इंसानी कर्म का फल है। इसने हमारी जीवनशैली बदल दी है।
साध्वी ऋतंभरा अपनी कथाओं में राम कथा और कुछ धार्मिक कहानियों का व्याख्यान करती हैं। जब ये 16 वर्ष की थी, तब इनके गांव में युग पुरुष महा मंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज पधारे थे, जिसके बाद इन्हें निर्वाण प्राप्त हुआ था।
साध्वी ने कहा कि कोरोना के प्रकोप के दौरान हमें खुद को समझने का मौका भी मिला। इस दौरान लोगों ने अपने परिवार के साथ भी वक्त बिताया। अभी का धर्म यही है कि इस समय राष्ट्रधर्म निभाना चाहिए।