धर्म डेस्क: आज श्रावण मास की सप्तमी तिथि और बुधवार का दिन है। आज रेवती नक्षत्र दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। जिसका स्वामी बुध ही होता है। बुध किसी भी मनुष्य की बुद्धि का
देवता है, बुद्धिमत्ता का देवता है। बुध के कुछ अंश उसे चालाक बनाते हैं लेकिन कुछ स्थितियों में बुध cunning बन जाता है। Relations में बुध बहन या बुआ है। किसी भी व्यक्ति की जन्म पत्रिका में बुध की स्थिति से उसकी बुआ और बहनों की स्थिति का आंकलन किया जा सकता है।
किसी भी व्यक्ति की जन्म पत्रिका में बुध की स्थिति के उपाय करने से उस व्यक्ति की बहन या बुआ के जीवनस्तर को बेहतर बनाया जा सकता है या दूसरे शब्दों में यूं कह सकते हैं कि किसी भी इंसान की बहन या बुआ की शुभकामनाएं उस व्यक्ति के जीवन में बुध के अच्छे प्रभाव दिलवा सकती हैं या बुध की स्थिति को बेहतर बना सकती हैं। जानें इस बारें में आचार्य इंदु प्रकाश से।
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आज बुधवार के दिन रेवती नक्षत्र के साथ-साथ सुकर्मा योग और धृति योग भी बन रहा है। सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक सुकर्मा योग है जिसके बाद धृति योग शुरू हो जाएगा। किसी भवन एवं जगह का शिलान्यास या फिर भूमि पूजन के लिए धृति योग को उत्तम माना गया है। माना जाता है कि इस योग में रखा गया नींव पत्थर आजीवन सुख-सुविधाएं देता है। अगर किसी घर का शिलान्यास इस योग में किया जाए तो घर में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है और इंसान एक खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।
अतः बुध संबंधी उपाय के लिए आज का दिन श्रेष्ठ है। तो बुध के किस भाव में होने का क्या असर पड़ता है साथ ही आप क्या उपाय कर सकते हैं। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।
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- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के पहले भाव में हो तो ऐसे जातक स्वार्थी और घुमक्कड़ किस्म के माने जाते हैं लेकिन आजीविका में इनकी कभी कमी नहीं रहती है। ऐसे में शुभ फलों की प्राप्ति और अशुभ फलों से बचने के लिए आपको Non Veg नहीं खाना चाहिए व किसी भी प्रकार के नशे की लत से बचना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि आप कोई भी ऐसा कार्य करने से बचें जिससे आपका अपयश हो। साथ ही आप कुछ समय तक हरे रंग की चीज़ों से परहेज़ करें। ये उपाय ज़रूर कारगर साबित होगा।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के दूसरे भाव में मौजूद है और अशुभ है तो केतु भी अशुभ फल ही देता है। ऐसे स्थिति में आर्थिक स्थिति डगमगाने लगती , व्यापार , बिजनस में हानि होने के साथ साथ संतान होते हुए भी इंसान को संतान सुख नहीं मिलता। तो ऐसे में अशुभ फलों के प्रभाव से बचने के लिए आपको चंद्र और गुरू से संबंधित चीजों को मंदिर में दान देना चाहिए। अब ये चीज़े हैं कौन सी वो आपको बता देते हैं। चंद्र से संबंधित चीज़े हैं - चावल, चीनी, दही, सफेद फूल और गुरू से संबंधित चीज़े हैं हल्दी, पीला कपड़ा, चने की दाल, पीला फूल, घी। इसके साथ ही आप भेड़ या तोता ना पालें को ज्यादा बेहतर होगा।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के तीसरे भाव में मौजूद है तो क्या असर डालता है और इसके लिए आप क्या उपाय करें। अगर बुध तीसरे भाव में हो और शुभ हो तो आपको शुभ फल ही देता है लेकिन अगर अशुभ हो तो कई तरह की बाधाएं आपके जीवन में आती हैं। आपके परिवार के सदस्यों पर ये भारी हो सकता है। ऐसे में आपको रोज़ाना फिटकरी से अपने दांत साफ करने चाहिए। साथ ही पीले रंग की कोड़ियां जलाकर उनकी राख बहते जल में प्रवाहित करनी चाहिए। इससे आपके भविष्य में आने वाली बाधाएं खत्म होंगी।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के चौथे भाव में हो और अशुभ हो तो जातक की माता को थोड़ा कष्ट हो सकता है ऐसे में अशुभ फलों के प्रभाव से बचने के लिए आपको क्या उपाय करने हैं वो हम आपको बता रहे हैं। आपको केसर का इस्तेमाल अगले 43 दिनों तक करना है। अब इस्तेमाल कैसे करना हैं वो भी जान लीजिए। आपको हर रोज़ केसर का तिलक लगाना है या फिर केसर का सेवन करना है। इससे आने वाली सभी परेशानियां दूर होंगी और मंगल ही होगा।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के पांचवे भाव में मौजूद है और अशुभ है तो पिता के लिए अशुभ फल देने वाला बन जाता है यानि अगर बुध पांचवे भाव में है तो पिता की परेशानियां बढ़ सकती है। ऐसे में बुध के अशुभ फलों के प्रभाव से बचने के लिए आपको गले में तांबे का पैसा धारण करना चाहिए। वहीं अगर संभव है तो गौ पालन कर सकते हैं इससे संतान, स्त्री और आपका खुद का भाग्य उत्तम होता है।
- जब बुध आपकी जन्मपत्रिका के छठें भाव में मौजूद हो तो जातक सभी की बात मानने वाला और प्रभावशाली रहता है। ऐसे में आप पर बुध की कृपा बनी रही और अशुभ फलों का प्रभाव आप पर ना पड़े इसके लिए आपको कोई भी शुभ कार्य करते समय कन्या का आशीर्वाद ज़रूर लेना चाहिए। इसके साथ ही अगर आपका बुध छठें भाव में अशुभ है तो आपको दूध की बोतल वीराने में दबा देनी चाहिए। ये उपाय आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के सातवें भाव में मौजूद है और शुभ है तो आपको फिक्र करने की ज़रूरत नहीं लेकिन अगर अशुभ है तो इसका असर आपकी बुआ, बहन पर पड़ सकता है, उन्हें किसी तरह की दुख तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मे आपको क्या करना है वो आपको बता देते हैं आपको सट्टेबाज़ी से बिल्कुल दूर रहना चाहिए। अगर आप सट्टा खेलते हैं तो कभी ना खेलें। आपको बेहद गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसके साथ ही शनि का छल्ला मध्यमिका उंगली में धारण कर लें तो आपकी आने वाली समस्याएं पहले ही खत्म हो जाएंगी।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के आठवें भाव में मौजूद है और अशुभ है तो आपको सेहत संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है, साथ ही आपको धनहानि भी हो सकती है। ऐसे मे आपको शुभ फलों की प्राप्ति और बुरे फलों के प्रभाव से बचने के लिए मिट्टी के बर्तन में देशी खांड अन्यथा शहद भरकर इसे वीराने में दबा देना चाहिए। इसके बाद साबुत मूंग तांबे के बर्तन में भरकर उसका ढक्कन बंद करके टांका लगवाकर बहते पानी में प्रवाहित कर दें। ये उपाय बेहद कारगर साबित होगा।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के नौवें भाव में मौजूद है तो ऐसा जातक अपने परिवार के लिए पूरी तरह से समर्पित रहता है। लेकिन अगर नौवें भाव में बुध अशुभ हो तो शारीरिक कष्ट होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में आपको शुभ फलों की प्राप्ति और अशुभ फलों के प्रभाव से बचने के लिए मिट्टी के बर्तन में मशरूम रखकर उसे मंदिर में दान देना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि आप तोता और बकरी ना पालें।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के दसवें भाव में मौजूद हो तो ऐसा जातक व्यवहारकुशल, सभी की बात मानने वाला और धनी होता है लेकिन अगर दसवें भाव में बुध अशुभ है तो राहु, केतु व शनि भी अपनी आयु तक अशुभ हो जाते हैं। ऐसे में आपको शनि के उपाय करने से लाभ मिल सकता है। आपको शनि पर तेल चढ़ाना चाहिए या फिर ज़रूरतमंद को काला कंबल या काला कपड़ा दान कर सकते हैं।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के 11वें भाव में मौजूद है तो आपको धन की कमी कभी नहीं होगी लेकिन 11वें भाव में बुध के अशुभ होने पर उसी धन की मूर्खतावश हानि होने लगती है। ऐसे में शुभ फलों की प्राप्ति और बुरे फलों के प्रभाव से बचने के लिए आप किसी भी फकीर या साधु से किसी तरह का ताबीज़ आदि ना लें। साथ ही गले में तांबे का पैसा धारण करें, आपको फायदा होगा।
- अगर बुध आपकी जन्मपत्रिका के 12वें भाव में मौजूद है और अशुभ है तो आपको जीवन में बड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको चाहिए कि आप किसी से भी झूठा वादा ना करें। जो वादा करें उसे निभाएं जरूर। साथ ही अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें, बोलने से पहले सोचे और फिर बोलें अन्यथा मुंह से कई बार कुछ बुरा भी निकल सकता है। इसके साथ ही खाली घड़ा आप बहते जल में प्रवाहित करें और गणेश जी की उपासना करें। आपको बेहद लाभ होगा।