धर्म डेस्क: हरियाली तीज का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस व्रत को कुंवारी कन्याएं अपने लिए मनचाहें पति पाने और विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य पाने के लिए करती है। यह व्रत बड़ी ही विधि-विधान से किया जाता है।
अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही है, तो आपको इसके बारें में हर चीज पता होना चाहिए। जिससे कि बाद में किसी भी प्रकार की समस्या न हो। जानिए पहली बार हरियाली तीज व्रत रखने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- जो भी हरियाली तीज का व्रत रख रही है, तो इस दिन सबसे पहले महिलाएं नहाकर मां की प्रतिमा को रेशमी वस्त्र और गहने से सजाती हैं।
- अर्धगोले आकार की माता की मूर्ति बनाती हैं और उसे पूजा के स्थान में बीच में रखकर पूजा करती हैं। इस पूजा में कथा को कहना अनिवार्य माना जाता है। इसका अपना ही अलग ही महत्व है। साथ ही कथा सुनते वक्त अपने पति का ध्यान करें।
- इस व्रत को निर्जला रखा जाता है। यानी कि इस व्रत में पानी नहीं पिया जाता है। दुल्हन की तरह सजें और हरे कपड़े और जेवर पहनें। इस दिन मेहंदी लगवाना शुभ माना जाता है। नवविवाहित महिलाएं अपनी पहली हरियाली तीज अपने मायके जाकर मनाती हैं।
- कुछ जगहों पर महिलाएं मां पार्वती की पूजा अर्चना के बाद लाल मिट्टी से नहाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से महिलाएं पूरी तरह से शुद्ध हो जाती हैं।
- इस दिन महिलाएं झूला भी झूलती हैं। इसके साथ नाचती भी है।