रंग पंचमी 2019: चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इसी के चलते इसको ये नाम मिला है। इस बार ये त्यौहार 25 मार्च को पड़ रहा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन आसमान में रंग उड़ाने से रज और तम के प्रभाव कम हो कर उत्सव का सात्विक स्वरूप निखरता है और देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं।
इस दिन लोग एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं व राधा कृष्ण जी को भी अबीर लगाया जाता है। रंगों से भरा यह पर्व खासतौर पर मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। लेकिन इसे देश के कोने-कोने में हर कोई अपने अंदाज से इस त्योहार को मनाता है।
रंगो के द्वारा भगवान देते है आर्शीवाद
इस दिन को लेकर मान्यता है कि इस दिन रंगों के जरिए भगवान अपने भक्तों को आर्शीवाद देते है।
रंगपंचमी की शुरुआत प्राचीन काल से
इस पर्व का इतिहास काफी पुराना है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में जब होली का उत्सव कई दिनों तक मनाया जाता था उस समय रंगपंचमी के साथ उसकी समाप्ति होती थी और उसके बाद कोई रंग नहीं खेलता था। वास्तव में रंग पंचमी होली का ही एक रूप है जो चैत्र मास की कृष्ण पंचमी को मनाया जाता है। होली का आरंभ फाल्गुन माह के साथ हो जाता है और फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन के बाद यह उत्सव चैत्र मास की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर रंग पंचमी तक चलता है।
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