चैत्र कृष्ण पक्ष की उदया तिथि पंचमी और दिन शुक्रवार है। पंचमी तिथि सुबह 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगी, उसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी, जो कि शनिवार सुबह 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार होली के बाद चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। लिहाजा आज रंग पंचमी है। दरअसल बहुत-सी जगहों पर होली समेत पांच दिनों तक रंग खेलने की परंपरा है, यानि असल में होली का त्योहार रंग पंचमी के दिन सम्पूर्ण होता है।
साल के कैलेंडर पर तो हमें रंग के दो दिन ही नजर आते हैं, होली और धुलेंडी। होली के दिन होलिका पूजन किया जाता है और होली के अगले दिन, यानि धुलेंडी पर रंग खेला जाता है। लेकिन भारत में कई जगहों पर होली और धुलेंडी के साथ पांच दिनों तक रंग खेलने की परंपरा है।
आपको बता दें कि रंग पंचमी महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, यू.पी, राजस्थान आदि जगहों पर विशेष रूप से मनाया जाता है। रंग पंचमी के विविध रंग जीवन में नई उमंगों का संचार करते हैं। इसके अलावा इस दिन अनिष्ट शक्तियों का विघटन हो जाता है। यह सगुण आराधना का भाग है। इस दिन विभिन्न देवताओं के सगुण तत्व वायुमंडल में उडाए जाने वाले विभिन्न रंगों के कणों की ओर आकर्षित होते हैं। देवताओं के इन तत्वों के स्पर्श की अनुभूति लेना ही रंग पंचमी का उद्देश्य है। कहते हैं आज के दिन वायुमंडल में रंग उड़ाने से या शरीर पर रंग लगाने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक शक्तियों का संचार होता है और आस-पास मौजूद नकारात्मक शक्तियां क्षीण हो जाती हैं।
रंग पंचमी को होगी मां लक्ष्मी की पूजा
आज श्री पंचमी भी मनायी जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा की जाती है।इसलिए इसे श्री लक्ष्मी पंचमी या श्री लक्ष्मी पूजन के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन धन, वैभव और सुख-समृद्धि की दाता मां लक्ष्मी के निमित्त व्रत रखने की मान्यता है। आज के दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पास धन का कोष बढ़ता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। आज के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर, साफ-सुथरे कपड़े पहनकर अपनी श्रद्धानुसार सोने की, तांबे की, चांदी की या मिट्टी से बनी मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
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- अगर आप जीवन में नयी उडान भरना चाहते हैं, तो आज आपको अपने ताऊ या चाचा को उनकी मनपसंद कोई मिठाई खिलानी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
- अगर घर में आपकी बातों को ज्यादा तरजीह नहीं दी जाती है, तो आज आपको थोड़ी-सी उड़द की दाल लेकर अपने दाहिने कान के पीछे की तरफ स्पर्श करना चाहिए और उसे मन्दिर में दान करना चाहिए।
- अगर आपको किसी काम में बार-बार विफलताओं का सामना करना पड़ रहा है, तो आज के दिन आपको एक मुट्ठी काले चने में थोड़ा-सा नमक मिलाकर पानी में भिगोना चाहिए और अगले दिन पानी में से चने निकालकर उन्हें उबाल लें और गाय को खिला दें।
- अगर आप अपने व्यापार में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज आपको मां लक्ष्मी के सामने 5 सफेद कौड़ियां रखकर लक्ष्मी जी के इस शाबर मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है - ऊँ शुक्ले महाशुक्ले कमल दल निवास श्री महालक्ष्मी नमो नम: लक्ष्मी माई सत की सवाई आवा चेतो करो भलाई, ना करो तो सात समुद्र की दुहाई , ऋद्धि-सिद्धि खग तो नौ नाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई। ....इस प्रकार शाबर मंत्र का जप करने के बाद देवी मां के सामने रखी कौड़ियों को उठाकर एक पीले रंग के कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में संभालकर रख लें।
- अगर आपके जीवनसाथी की सफलता की गति किसी कारणवश रूक गई है या वो नया बिजनेस शुरू करने के लिये पैसा नहीं जुटा पा रहे हैं, तो आज के दिन आपको मां लक्ष्मी को कमलगट्टे की माला और पुष्प चढ़ाने चाहिए और उनके चरण छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही देवी मां से अपने जीनसाथी की सफलता के लिये प्रार्थना करनी चाहिए।
- अगर आप अपने आर्थिक पक्ष को पहले की अपेक्षा और भी बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आज रात के समय थोड़ा-सा सत्तू का आटा लीजिये और उसमें थोड़ी मात्रा में घी मिलाइए। अब इस आटे की मदद से एक दीपक बना लीजिये। फिर उस दीपक को पास के किसी चौराहे पर रख आइए।
- अगर आप अपने घर और कारोबार की लक्ष्मी को हमेशा बनाये रखना चाहते हैं या कहें उसे सिद्ध करना चाहते हैं, तो आज आपको देवी लक्ष्मी के आगे घी का दीपक जलाकर, उन्हें शक्कर का भोग लगाएं। साथ ही देवी मां के चरणों में 5 कौड़ियां रखें। अब पूर्व दिशा के ओर मुख करके देवी मां का ध्यान करते हुए स्फटिक की माला पर 108 बार देवी मां के इस विशेष मंत्र का जप करें। मंत्र है –ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्म्यै नमः।
- अगर आप अपने परिवार को हर तरह के सुख-साधनों से भरा हुआ देखना चाहते हैं, तो आज आपको दक्षिणावर्त्ती शंख में थोड़ा-सा गंगाजल लेकर देवी लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए। दरअसल दक्षिणावर्ती शंख मां लक्ष्मी का ही स्वरूप है। अतः आज देवी मां के सामने दक्षिणावर्त्ती शंख रखने से शुभ फल प्राप्त होंगे।
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