महिलाओं के प्रति अच्छी भावना: रमज़ान के महीने सेक्स की इजाज़त नही है। अपनी पत्नी को वासना की नज़र से देखना भी मना है। रमज़ान में महिलाओं के प्रति सम्मान दिखाने की हिदायत दी गई है।
दान-पुण्य का महीना है रमज़ान: रमज़ान में दान का बहुत महत्व है। इसे ज़क़ात कहते हैं। सभी लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी हैसियत के अनुसार दान करें और नेकी का काम करें।
गुनाहों से तौबा करने का महीना: रमज़ान में लोगों से उनके गुनाह क़ुबूल कर माफ़ी मांगने को कहा गया है। इससे न सिर्फ़ उनका दिल हल्का हो जाता है बल्कि गुनाह के एहसास के साथ भविष्य में ऐसी ग़लती न करने का भी जज़्बा पैदा होता है।
जन्नत के लिए दुआ: रमज़ान में लोग जन्नत पाने की दुआ करते हैं। इसे जन्नतुल फ़िरदौस कहते हैं, इसे जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान माना जाता है।
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