विपत्ति में सफलता के लिए
राजिव नयन धरैधनु सायक।
भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।।
दरिद्रता दूर करने हेतु
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के ।
कामद धन दारिद्र दवारिके।।
पुत्र प्राप्ति के लिए
प्रेम मगन कौशल्या निसिदिन जात न जान।
सुत सनेह बस माता बाल चरित कर गान।।
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