वास्तु शास्त्र में कल हमने आपको पिरामिड के जरिये वास्तु दोषों से छुटकारा पाने के बारे बताया था और आज हम बात करेंगे पिरामिड को घर के किस हिस्से में और कौन-सी दिशा में बनवाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार पिरामिड की अद्भुत शक्तियों का लाभ पाने के लिए घर के मध्य भाग अथवा लिविंग रूम को ऊपर से, यानि की उसकी छत पर पिरामिड की आकृति बनवाएं।
पिरामिड की छत के नीचे बैठने से स्मरण शक्ति बढ़ती है. इसके अलावा अनिद्रा, सिरदर्द, पीठदर्द में भी लाभ मिलता है और पिरामिड के नीचे दवाइयां रखने पर वह कई दिनों तक खराब नहीं होती।
यदि आप घर के किसी अन्य भाग में पिरामिड बनवाना चाहते हैं तो उसका एक त्रिभुज उत्तर दिशा की ओर रखें, शेष त्रिभुज अपने आप ही दिशाओं के अनुरूप हो जाएंगे। इसके अलावा आपके घर के किसी कमरे या अन्य जगह का ईशान कोण ऊंचा हो और नैऋत्य नीचा तो नैऋत्य में छत पर पिरामिड का निर्माण करके नैऋत्य को ईशान से ऊंचा कर सकते हैं।