धर्म डेस्क: सावन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी पर महिलाएं विशेष तौर पर संतान के लिए वृत रखती हैं। पुत्रदा एकादशी के दिन अगर आप व्रत करें और सच्चे मन से संतान की कामना करें तो आपको संतान की प्राप्ति अवश्य होती है। पुराण परंपरा के अनुसार एकादशी का व्रत जरूर हर किसी को करना चाहिए। यह व्रत भगवान विष्णु के लिए किया जाता है। इस बार ये एकादशी गुरुवार, 3 अगस्त को है। (भूलकर भी न सोचे इन 5 लोगों के बारें में बुरा, होगा नुकसान)
पुत्रदा एकादशी का संक्षिप्त वर्णन
महाराज युधिष्ठर के पूछने पर भगवान श्री कृष्ण ने बताया कि इस व्रत को द्वापर युग में महीजित नाम के राजा ने संतान की इच्छा से किया महीजित बड़ा प्रतापी राजा था। अपनी प्रजा को पुत्र के समान पालता था और दुष्टों को कठिन दंड से दण्डित करता था। (तीन मुखी रुद्राक्ष दिलाता है कई बीमारियों से निजात, जानिए और फायदे)
दशमी से युक्त एकादशी का न रखें व्रत
गरूण पुराण के अध्याय 125 में कहा गया है कि गांधारी ने दशमी से युक्त एकादशी का व्रत रखा था ऐसा करने पर उसने अपने सभी पुत्रों का वध अपने जीवनकाल में ही देख लिया। इसलिए दशमी से युक्त एकादशी का व्रत नहीं रखना चाहिए। अगर कभी ऐसा होता है कि किसी महीने में दशमी से युक्त एकादशी पड़ती है तो मन में संदेह न रखें बल्कि द्वादशी का व्रत रखकर त्रयोदशी में पारण कर दें।
अगर आप चाहते है कि आपको भी संतान की प्राप्ति हो।साथ ही जिनके संतान है उनकी लंबी उम्र हो, तो इसके लिए पुत्रदा एकादशी के दिन ये साधारण से उपाय अपनाएं। इन उपायों को करने से आपको लाभ जरुर मिलेगा। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इन उपायों के बारें में।
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