धर्म डेस्क: आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। साथ ही आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र है, जो कि आज पूरा दिन पार करके देर रात 01:33 तक रहेगा। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से 20वां पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र है। इस नक्षत्र के स्वामी शुकाचार्य हैं। अतः पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में शुक्राचार्य की आराधना करनी चाहिए। साथ ही इस नक्षत्र में जल की उपासना भी बतायी गई है और जल के देवता वरूण देव हैं। अतः आज के दिन जल के व्यर्थ उपयोग से वरूण देव का दोष लगता है।
अगर राशि की बात करें तो पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र की राशि धनु है। इस नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। इसका प्रतीक चिन्ह हाथ के पंखे को माना जाता है। इसे राजस्थान में सूपड़े के नाम से भी जाना जाता है, जबकि इसका संबंध जलवेतस के पेड़ से बताया गया है। जलवेतस को केन के नाम से भी जाना जाता है, इसे फर्नीचर आदि बनाने के काम में लिया जाता है।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे जातको या जिनकी राशि धनु है या जिनके नाम का पहला अक्षर 'भ', 'ध', 'फ' और 'ढ' है, उन लोगों को आज के दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जलवेतस, यानी केन के पेड़ की उपासना करनी चाहिए, हो सके तो उसकी जड़ में पानी डालना चाहिए और साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आज के दिन आप जलवेतस, यानी केन के पेड़ को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचाएं, इसकी लकड़ियों को न तोड़ें और न ही इसे किसी प्रकार के इस्तोमाल में लें।
आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में कुछ खास उपाय करने करने से आपको अबूझ फलों की प्राप्ति होगी। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से राशिनुसार कौन से करें उपाय।
मेष राशि
अगर आपकी उम्र शादी के लायक हो गई है और आपको एक अच्छेजीवनसाथी की तलाश है, तो आज के दिन शुक्राचार्य के इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है- ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:। आज के दिन इस मंत्र का 108 बार जाप करें और जाप करने के बाद किसी मन्दिर में इत्र का दान करें। इस प्रकार मंत्र का जाप करने से आपकी जल्द ही एक अच्छे जीवनसाथी की तलाश पूरी होगी।
वृष राशि
अगर आप अपने शत्रुओं की नित नई चालों से परेशान हैं, तो अपने शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिये आज के दिन किसी कुम्हार के घर जाकर कोई एक मिट्टी का बर्तन खरीदकर लाएं और ध्यान रहे उस बर्तन पर ढक्कन जरूर होना चाहिए। घर लाने के बाद उस बर्तन को एक जगह रख दें। अब एक सफेद कोरे कागज पर अपने शत्रु का नाम लिखें और उस पर शुक्र के मंत्र का 5 बार जाप करें- ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:। इस प्रकार मंत्र जाप के बाद उस कागज की पर्ची बनाकर, कुम्हार के घर से लाए मिट्टी के बर्तन में डाल दें और उस पर ढक्कन लगाकर घर से दूर कहीं विराने में छोड़ आयें। आज के दिन ऐसा करने से आपको जल्द ही शत्रुओं की नित नई चालों से छुटकारा मिलेगा।
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