Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. Pradosh Vrat: वैशाख मास का प्रदोष व्रत आज, शिवपुराण के अनुसार इस शुभ मुहूर्त में ऐसे पूजा कर पाएं भोले का आर्शीवाद

Pradosh Vrat: वैशाख मास का प्रदोष व्रत आज, शिवपुराण के अनुसार इस शुभ मुहूर्त में ऐसे पूजा कर पाएं भोले का आर्शीवाद

आज के दिन शिव-शंभु का पूजन करने की परंपरा है।नारद जी ने बताया कि वैशाख मास को ब्रह्माजी ने सब मासों में उत्तम सिद्ध किया है। यह मास संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है। इसलिए इस महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से बहुत पुण्य लगता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 02, 2019 6:45 IST
Pradosh Vrat- India TV Hindi
Pradosh Vrat

Pradosh Vrat: आज वैशाख कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और गुरुवार का दिन है। आज प्रदोष व्रत है। यह हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की त्रयोदशी पर किया जाता है। आज के दिन शिव-शंभु का पूजन करने की परंपरा है। नारद जी ने बताया कि वैशाख मास को ब्रह्माजी ने सब मासों में उत्तम सिद्ध किया है। यह मास संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है। इसलिए इस महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से बहुत पुण्य लगता है।

हेमाद्रि के व्रत खण्ड- 2 में पृष्ठ- 18 पर भविष्य पुराण के हवाले से बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है, वह जीवन में विभिन्न परेशानियों से छुटकारा पाता है और तरक्की की ओर अग्रसर होता है।

ये भी पढ़े- 2 मई राशिफल: सिद्ध योग इन राशियों की बदल देगा किस्मत, जानें कैसा बीतेगा आपका गुरुवार का दिन

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

 प्रदोष काल में त्रयोदशी के दिन शाम 4 बजकर 30 मिनट से लेकर 7 बजे के बीच ही पूजा संपन्न कर लें।

प्रदोष व्रत के पूजन के लिए सामग्री
भोले की उपासना के लिए पूजन शुरू करने से पहले तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत, पान और दक्षिणा एकत्रित कर लें।

ये भी पढ़ें- मई माह में पड़ रहे हैं शनि अमावस्या, रमजान, अक्षय तृतीया सहित ये व्रत-त्योहार, एक क्लिक में देखें पूरी लिस्ट

प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष में बिना कुछ खाए व्रत रखने का विधान है। ऐसा करना संभव न हो तो एक समय फल खा सकते हैं। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं। शाम के समय फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। इसके बाद शिवजी की आरती करें। रात में जागरण करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें। इस तरह व्रत व पूजा करने से व्रती (व्रत करने वाला) की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement