Pradosh Vrat 2019: आज पौष कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और गुरुवार का दिन है। आज प्रदोष व्रत है । प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की त्रयोदशी को होता है । इस व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है । त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि सूर्योदय के बाद के समय को प्रदोष काल कहते हैं। आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ ही जो व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है, उसे जीवन में वैभव और सभी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है । साथ ही हेमाद्रि के व्रत खण्ड-2 में पृष्ठ- 18 पर भविष्य पुराण के हवाले से बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है, उसे जीवन में अप्रतिम लाभ मिलते हैं। इसके अलावा आपको बता दें कि आज प्रदोष व्रत के साथ ही स्थिर योग भी है । स्थिर योग आज सुबह 11 बजकर 03 मिनट से अगले दिन सूर्योदय तक रहेगा । ये योग किसी तरह के रोग आदि से छुटकारा पाने के लिये बड़ा ही अच्छा होता है । साथ ही इस योग में किये गये कार्य भी स्थिर होते हैं।
ऐसे करें गुरु प्रदोष व्रत पूजा
इस दिन प्रातः काल स्नान करके श्वेत वस्त्र धारण करें। इसके बाद शिव जी को जल और बेल पत्र अर्पित करें। उनको सफ़ेद वस्तु का भोग लगाएं। शिव मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें। रात्रि के समय भी शिव जी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र जप करें। रात्रि के समय आठ दिशाओं में आठ दीपक जलाएं। इस दिन जलाहार और फलाहार ग्रहण करना उत्तम होगा। नमक और अनाज का सेवन न करें।
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