Wednesday, November 06, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. शुक्र प्रदोष व्रत आज: मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

शुक्र प्रदोष व्रत आज: मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

शुक्र प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन आप भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा करके उनकी कृपा पा सकते हैं। जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: March 26, 2021 6:52 IST
शुक्र प्रदोष व्रत आज: मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/12JYOTIRLING_DARSHAN शुक्र प्रदोष व्रत आज: मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल के समय भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है । प्रदोष काल रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि सूर्यास्त के तुरंत बाद के समय को कहते हैं और त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल आज ही रहेगा। लिहाजा प्रदोष व्रत आज ही किया जायेगा। आचार्य इंदु प्रकाश के मुताबित वार के अनुसार प्रदोष व्रत का नामकरण किया जाता है और आज शुक्रवार का दिन है लिहाजा आज शुक्र प्रदोष व्रत है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।

शुक्र प्रदोष का व्रत रखने से भगवान शिव अतिशीघ्र प्रसन्न होते है और जातक की की सभी कामनाएं जल्द ही पूरी करते है | इस व्रत के प्रभाव से जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रहता | साथ ही दाम्पत्य जीवन में होने वाले क्लेश दूर हो जाता है | भविष्य पुराण के हवाले से बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है- उसपर भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है।

राशिफल 26 मार्च: कन्या राशि के जातकों को मिलेगा कोई शुभ समाचार, वहीं ये लोग रहें सतर्क

शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि आज सुबह 8 बजकर 23 मिनट से शनिवार सुबह 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगी।

Lakshmi Jayanti 2021: 28 मार्च को लक्ष्मी जयंती, सुख-समृद्धि के लिए इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें पूजा

 
प्रदोष व्रत की पूजा विधि

ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर हर कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। इसके साथ ही साफ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प करें। इस दिन कोई आहार न लें। शाम को सूर्यास्त होने के एक घंटे पहले स्नान करके सफेद कपड़े पहन लें। इसके बाद ईशान कोण में किसी एकांत जगह पूजा करने की जगह बनाएं। इसके लिए सबसे पहले गंगाजल से उस जगह को शुद्ध करें फिर इसे गाय के गोबर से लीपें। इसके बाद पद्म पुष्प की आकृति को पांच रंगों से मिलाकर चौक तैयार करें। आप कुश के आसन में उत्तर-पूर्व की दिशा में बैठकर भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव का जलाभिषेक करें साथ में ऊं नम: शिवाय: का जाप भी करते रहें। इसके बाद विधि-विधान के साथ शिव की पूजा करें फिर इस कथा को सुन कर आरती करें और प्रसाद बाटें।

अब केले के पत्तों और रेशमी वस्त्रों की सहायता से एक मंडप तैयार करें। आप चाहें तो आटे, हल्दी और रंगों की सहायता से पूजाघर में एक अल्पना (रंगोली) बना लें। इसके बाद साधक (व्रती) को कुश के आसन पर बैठ कर उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। व्रती को पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' और शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement