Pradosh Vrat 2019: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व है। इस बार प्रदोष व्रत 16 मई, गुरुवार को है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ इस व्रत को रखता है। भगवान शिव उसके जीवन के कष्ट दूर करते हैं और उस पर भगवान का आशीर्वाद भी बना रहता है। इस बार गुरुवार को पड़ने के कारण इस शुभ दिन का महत्व और बढ़ गया है। जानें शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री के साथ पूजा विधि।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
व्रत का मुहूर्त- रात 1:26 से सुबह 10:24
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प्रदोष व्रत के पूजन के लिए सामग्री
भोले की उपासना के लिए पूजन शुरू करने से पहले तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत, पान और दक्षिणा एकत्रित कर लें।
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प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष में बिना कुछ खाए व्रत रखने का विधान है। ऐसा करना संभव न हो तो एक समय फल खा सकते हैं। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं। शाम के समय फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। इसके बाद शिवजी की आरती करें। रात में जागरण करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें। इस तरह व्रत व पूजा करने से व्रती (व्रत करने वाला) की हर इच्छा पूरी हो सकती है।