धर्म डेस्क: 29 दिसंबर को पुत्रदा एकादशी है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहते हैं। साल भर में 24 एकादशियां होती हैं, लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है, तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है- एक श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में और एक पौष मास के शुक्ल पक्ष में। दोनों एकादशियों का एक समान महत्व है।
पुत्रदा एकादशी के दिन संतान प्राप्ति के लिये और अगर पहले से संतान है, तो उसकी तरक्की के लिये, उसके भविष्य की बेहतरी के लिये क्या उपाय करने चाहिए। जानइए इन उपायों के बारें में।
पुत्रदा एकादशी के दिन अगर आप व्रत करें और सच्चे मन से संतान की कामना करें तो आपको संतान की प्राप्ति अवश्य होती है। लेकिन सवाल ये है कि अगर आप आज सुबह पहले
ही कुछ खा चुके हैं, तो व्रत कैसे रखेंगे। तो इसका उपाय भी बड़ा सरल सा है। आप, अब से व्रत कर लीजिये। जब जागो, तभी सवेरा। सौरव्य दर्शन के अनुसार 'मन एव मनुष्याणां कारण बन्ध मोक्षयो:' अगर आप शुद्ध चित्त से- अब से व्रत करेंगे तो आपको लाभ जरूर मिलेगा।
- आज के दिन सुबह के समय नहा-धोकर, साफ कपड़े पहनकर पास के किसी शिव मंदिर में जायें और वहां जाते समय अपने साथ दूध, दही, शहद, शक्कर, घी और भगवान को चढ़ाने के लिये साफ और नया कपड़ा ले जायें अब मन्दिर जाकर शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करायें यहां इस बात का ध्यान रखें कि सब चीज़ों को एक साथ मिलाना नहीं है बल्कि अलग-अलग रखना है। अब शिवलिंग पर क्रम से सबसे पहले दूध से, फिर दही से, शहद से, शक्कर से और सबसे अन्त में घी से स्नान करायें और प्रत्येक स्नान के बाद शुद्ध जल शिवलिंग पर चढ़ाना न भूलें।
सबसे पहले शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं, उसके बाद शुद्ध जल चढ़ाएं फिर दही चढ़ाएं, उसके बाद फिर से शुद्ध जल चढ़ाएं। इसी तरह बाकी चीज़ों से भी स्नान कराएं। भगवान को स्नान कराने के बाद उन्हें साफ और नये कपड़े अर्पित करें। अब मन्त्र जप करना है
ॐ गोविन्दाय, माधवाय नारायणाय नम....
इस मंत्र का 108 बार जाप करना है और हर बार मन्त्र पढ़ने के बाद एक बेलपत्र भी भगवान शंकर को जरूर चढ़ाएं। भगवान की कृपा से एक वर्ष के अन्दर ही आपकी गोद हरी हो जायेगी और अगर आपके पहले से बच्चे हैं तो उन्हें अपने हर काम में सफलता मिलेगी, उनकी तरक्की सुनिश्चित होगी।
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